नई दिल्ली, देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने बड़ा बदलाव किया है. SBI ने होम लोन पर प्रोसेसिंग फीस जीरो कर दी है. अब आपको होम लोन लेने के लिए कोई चार्ज नहीं देना होगा. बता दें इस ऑफर का फायदा 28 फरवरी 2019 तक उठाया जा सकता है.
जब आप लोन लेते हैं तो इससे जुड़े भी कई खर्च होते हैं. इसमें ब्याज का भुगतान, प्रोसेसिंग फीस, एडमिनिस्ट्रेटिव चार्जेज़, प्रीपेमेंट पेनल्टीज समेत अन्य शामिल हैं. SBI ने लोन लेने से पहले लगने वाले इन चार्जेज़ को खत्म कर दिया है. बैंक की ओर दी गई जानकारी के मुताबिक, 28 फरवरी 2019 तक होम लोन लेने वालों पर ये चार्ज अप्लाई नहीं होंगे.
लोन की प्रक्रिया शुरू करने से पहले इस बात का आंकलन करें कि आप की कमाई कितनी है और उस हिसाब से बैंक कितना लोन दे सकते हैं. आपकी लोन लेने की क्षमता उसे चुकाने की कैपेसिटी पर निर्भर करती है. यह आपकी मासिक कमाई, खर्च और परिजनों की कमाई, संपत्ति, देनदारी, आय में स्थिरता जैसे मसलों पर निर्भर करती है.
बैंक सबसे पहले यह देखते हैं कि आप समय पर लोन चुका पाएंगे या नहीं. हर महीने आपके हाथ में जितनी अधिक रकम आएगी, आपके लोन की राशि उतनी बढ़ती जाएगी. आमतौर पर कोई बैंक या कर्ज देने वाली कंपनी यह देखती है आप मासिक आमदनी का 50 फीसदी लोन की किस्त के रूप में दे पाएंगे या नहीं. लोन की अवधि और ब्याज दर पर भी लोन अमाउंट निर्भर करता है. इसके अलावा बैंक लोन के लिए उम्र की ऊपरी सीमा भी फिक्स कर चलते हैं.
लोन के एप्लिकेशन फॉर्म में ही साथ लगाए जाने वाले डॉक्यूमेंट की चेकलिस्ट लगी होती है. इसके साथ ही आपको फोटो लगानी होती है. घर खरीदने के क़ानूनी कागजात से लेकर बैंक आपसे आइडेंटिटी और रेजिडेंस प्रूफ के साथ सैलरी स्लिप और फॉर्म 16 या आयकर रिटर्न के साथ बैंक का पिछले छह महीने की स्टेटमेंट तक देना पड़ता है. लोन देने वाले कुछ संस्थान लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी, शेयर के कागजात, एनएससी, म्युच्युअल फंड यूनिट, बैंक डिपॉजिट या दूसरे निवेश के कागजात भी गिरवी के तौर पर मांगते हैं.