झुंझुनू, राजस्थान में झुंझुनू जिले में मेडीकल कालेज खोलने की राज्य सरकार ने जब घोषणा की थी तब जिले की जनता में ख़ुशी की लहर दौड़ पड़ी थी, लेकिन अब तक मेडीकल कालेज खोलने की दिशा में काेई कार्रवाई नहीं होने से लाेगों में निराशा व्याप्त हाेने लगी है। लाेगों का कहना है कि घोषणा करने के बाद सरकार मेडिकल कॉलेज के काम को आगे बढ़ाना भूल गए हैं।
जिले में मेडीकल कालेज की घोषणा हुए एक वर्ष पूरा हो गया। लेकिन घोषणा के अलावा अब तक कुछ भी नहीं हुआ है, जबकि पड़ौसी चूरू एवं सीकर जिलों में मेडिकल कॉलेज शुरू भी हो चुका है। झुंझुनू जिले के नेताओं की राजनीतिक इच्छा शक्ति कमजोर होने के कारण जिले को इसका फायदा नहीं मिल रहा। सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों को ही जनता के सबसे बड़े मुद्दे की चिंता नहीं है। पहले सत्तारूढ़ दल के नेता खुद की सरकार बचाने में लगे थे अब पंचायतीराज चुनावों की आचार संहिता लगने के कारण मेडिकल कॉलेज का काम फिर अटक गया है।
सरपंचों के चुनाव के बाद फिर पंचायत समिति एवं जिला परिषदों एवं स्वायत शासन संस्थाओं के चुनाव आ जाएंगे। ऐसे में फिर से आचार संहिता लग जाएगी। जिस कारण कालेज का शिलान्यास नहीं हो पायेगा। झुंझुनू में मेडिकल कॉलेज खोलने का निर्णय पांच सितम्बर 2019 को हो गया था। इस निर्णय को अब एक साल पूरा हो गया। झुंझुनू के अलावा अन्य कई जिलों में भी इसी दिन मेडिकल कॉलेज खोलने को मंजूरी मिली थी। इसके बाद 19 सितम्बर 2019 को चिकित्सा शिक्षा निदेशालय ने सभी जिला अस्पतालों के पीएमओ को भूमि एवं पट्टों की कार्रवाई के लिए पत्र लिखा।
झुंझुनू में जिला प्रशासन ने नवम्बर 2019 को मेडिकल कॉलेज के लिए झुंझुनू से करीब दस किलोमीटर दूर समसपुर गांव की सीमा में जमीन तय की। झुंझुनू में बनने वाले मेडिकल कॉलेज के लिए केन्द्र सरकार को 60 प्रतिशत एवं राज्य सरकार को 40 प्रतिशत राशि देनी है। इस कारण कांग्रेस व भाजपा के नेता कालेज खुलवाने का श्रेय तो ले रहे हैं, लेकिन इसका काम शुरू दोनों ही दलो के नेता नहीं करवा पा रहे हैं।
मेडिकल कॉलेज की सरकारी घोषणा के बाद दोनों ही पार्टियों के पदाधिकारियों ने दावा किया है उनके प्रयासों से मेडिकल कॉलेज खुली है। नगर परिषद के नए बोर्ड के शपथ ग्रहण समारोह में विधायक बृजेन्द्र ओला ने दावा किया था कि झुंझुनं में मेडिकल कॉलेज उन्होंने खुलवाया है। पिलानी में एक निजी अस्पताल के उद्घाटन में आए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी दावा किया था कि उनकी सरकार ने झुंझुनू में मेडिकल कॉलेज दिया है। सांसद नरेन्द्र खींचड़ ने 21 जनवरी 2020 को पत्रकार वार्ता में एक पत्र दिखाकर दावा किया था कि झुंझुनू में यह मेडिकल कालेज तो उनके प्रयासों से खुला है।
कोरोना काल चल रहा है। ऐसे में हर तरफ बेरोजगारी का आलम है। ऐसे में यदि झुंझुनू में मेडिकल कॉलेज का कार्य शुरू होता तो बहुत से गरीब लोगों को रोजगार मिलेगा। जिससे जिले में बेरोजगारी कम होती। झुंझुनू सांसद नरेन्द्र कुमार खीचड़ का कहना है कि केन्द्र की मादी सरकार झुंझुनू में मेडिकल कॉलेज की मंजूरी दे चुकी। अब भवन के शिलान्यास का कार्य राज्य सरकार का है। उसे जल्द से जल्दी मेडिकल कॉलेज भवन का शिलान्यास करवाना चाहिए।