पूर्व मुख्यमंत्री के स्टिंग प्रकरण में आया ये नया मोड़
September 21, 2019
नैनीताल, कांग्रेस नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के स्टिंग प्रकरण में चल रही सुनवाई के मामले में शुक्रवार को नया मोड़ आया। स्टिंग प्रकरण की सुनवाई उच्च न्यायालय की दूसरी बेंच करेगी। मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन जल्द ही इस मामले में नयी बेंच का गठन करेंगे।
इस प्रकरण की सुनवाई आज न्यायमूर्ति रमेश चंद्र खुल्बे की अदालत में हुई। अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद इस प्रकरण में अगली सुनवाई के लिये एक अक्टूबर की तिथि मुकर्रर कर दी थी। साथ ही केन्द्रीय जांच ब्यूरो ;सीबीआईद्ध को मामले से जुड़ी प्राथमिक जांच रिपोर्ट उसी दिन अदालत में पेश करने को कहा।
इसके बाद इस मामले में नया मोड़ तब आया जब न्यायमूर्ति रमेश चंद्र खुल्बे ने इस प्रकरण को आगे सुनने से मना कर दिया। पूर्व मुख्यमंत्री के अधिवक्ता रवीन्द्र सिंह बिष्ट ने बताया कि मामला मुख्य न्यायाधीश को भेज दिया गया है। मुख्य न्यायाधीश अब नयी बेंच का गठन करेंगे। इसके बाद इस प्रकरण में सुनवाई होगी।
उल्लेखनीय है कि श्री रावत के खिलाफ स्टिंग प्रकरण को लेकर सीबीआई द्वारा जांच की जा रही है। जांच उच्च न्यायालय की निगरानी में हो रही है। सीबीआई ने प्राथमिक जांच पूरी कर ली है और जांच रिपोर्ट उच्च न्यायालय में पेश करना चाहती है। इसके अलावा सीबीआई श्री रावत के खिलाफ इस प्रकरण में मामला दर्ज करना चाहती है। सीबीआई की ओर से विगत 21 अगस्त को इस संबंध में एक प्रार्थना पत्र अदालत में पेश किया गया है। इसके बाद अदालत ने सीबीआई को आज 20 सितम्बर को सील बंद लिफाफे में रिपोर्ट पेश करने को कहा था।
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2016 में श्री रावत पर अपनी सरकार बचाने के लिये कथित रूप से विधायकों की खरीद फरोख्त का आरोप है। आरोप है कि उन्होंने एक समाचार चैनल के स्टिंग के दौरान विधायकों की खरीद फरोख्त की बात कही थी। इसके बाद इससे प्रदेश की राजनीति में ऊबाल आ गया था।
इसके बाद मामला उच्च न्यायालय पहुंचा और समन्वय बेंच ने 20 जुलाई 2016 को एक आदेश जारी कर सीबीआई को निर्देश दिया कि श्री रावत के खिलाफ कोई कदम उठाने से पहले उच्च न्यायालय को सूचित करें। वर्ष 2016 में हरीश रावत सरकार के कई विधायक एवं मंत्री वित्त विधेयक पास कराने के दौरान कांग्रेस छोड़कर भाजपा के खेमे में चले गये थे। इसके बाद विपक्ष ने आरोप लगाया कि हरीश रावत सरकार अल्पमत में आ गयी।
राजनीतिक अस्थिरता के बाद प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया। हालांकि उच्च न्यायालय एवं उच्चतम न्यायालय के हस्तक्षेप के बाद हरीश रावत की फिर सत्ता में वापसी हुई लेकिन इस दौरान प्रदेश के राज्यपाल केण् केण् पाॅल ने हरीश रावत के खिलाफ सीबीआई जांच की संस्तुति केन्द्र को भेज दी थी और उसी संस्तुति पर सीबीआई जांच चल रही है।
दूसरी ओर हरीश रावत को नैतिक समर्थन देने के लिये आज दिग्गज कांग्रेसियों का जमावड़ा नैनीताल में लगा रहा। श्री रावत के समर्थन में प्रतिपक्ष की नेता इंदिरा हृदयेशए कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंहए महिला कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष सरिता आर्यए पूर्व अध्यक्ष किशोर उपाध्यायए पूर्व कैबिनेट मंत्री तिलकराज बेहड़ समेत तमाम दिग्गज कांग्रेसी नैनीताल में डटे रहे। सरिता आर्य ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ऐसे मौके पर पूरी तरह से श्री हरीश रावत के साथ खड़ी है। इसीलिये सभी नेता उनको नैतिक समर्थन देने के लिये नैनीताल में जुटे हैं। दूसरी ओर पूर्व मुख्यमंत्री ने इस मामले को राजनैतिक साजिश करार दिया है।