Breaking News

अयोध्या में रामजन्मभूमि प्रांगण में पत्थर का काम शुरू

अयोध्या, मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम की जन्मस्थली में बन रहे भव्य मंदिर के लिये यहां कार्यशाला से तराशे गये पत्थरों को ले जाने का कार्य आज से शुरू हो गया है।

श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के वरिष्ठ सदस्य डॉ. अरविन्द मिश्रा ने शुक्रवार को यहां यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि तराशे गये पत्थरों को वैदिक रीति-रिवाज से पूजन करने के बाद श्रीरामजन्मभूमि कार्यशाला से पत्थरों को दो ट्रकों में क्रेन द्वारा लाद कर राम मंदिर निर्माण के लिये जन्मभूमि परिसर में रखा गया है।

उन्होंने बताया कि कार्यशाला से सभी तराशे हुए पत्थरों को तीन-चार दिन में रामजन्मभूमि परिसर में रख दिया जायेगा, जिससे पत्थरों की साफ-सफाई कर मंदिर में प्रयोग किया जा सके। उन्होंने बताया कि यह कार्य मंदिर निर्माण के लिये लगाये गये लार्सन एण्ड टुब्रो कम्पनी इन तराशे गये पत्थरों को ट्रकों में लादकर पंचकोसी परिक्रमा के मार्ग से श्रीरामजन्मभूमि परिसर में पहुंचाया गया है।

श्री मिश्र ने बताया कि श्रीरामजन्मभूमि पर भव्य मंदिर निर्माण के लिये अभी और पत्थरों को लगना बाकी है, जो शीघ्र ही मंगाया जायेगा। उन्होंने बताया कि श्रीराम का यह भव्य मंदिर करीब साढ़े तीन वर्षों में तैयार होने की उम्मीद है। उन्होंने बताया कि भगवान राम के खाते में करीब एक अरब रुपया धनराशि मंदिर निर्माण के लिये आ चुका है, इसके अलावा काफी चांदी और सोना भी दान स्वरूप प्राप्त हुआ है। उन्होंने बताया कि राम मंदिर निर्माण का कार्य रामजन्मभूमि परिसर में तेजी से हो रहा है। अत्याधुनिक मशीनों से मंदिर का निर्माण का कार्य चल रहा है।

विश्व हिन्दू परिषद के अनुसार राम मंदिर 265 फुट लम्बा और 140 फुट चौड़ा, 161 फुट ऊंचा होगा, जिसके प्रथम तल पर सबसे पहले सिंहद्वार, रंगमंडप, नृत्य मंडप और परिक्रमा के बाद गर्भगृह होगा। जबकि मंदिर के दूसरे मंजिल पर राम दरबार और उसके ऊपर पांच मंडप होंगे, जिसमें चार गुम्बद और एक शिखर होगा। उन्होंने बताया कि राम मंदिर के हर तल पर 106 खंभे व एक खंभे में 16 मूर्तियां होंगी। यह मंदिर पांच शिखर का बनाया जायेगा, सम्पूर्ण मंदिर राजस्थान के वंशी पहाड़पुर से आने वाले पिंड सैंड स्टोन से बनाया गया है। उन्होंने बताया कि मंदिर में पहले एक लाख पचहत्तर हजार घनफीट पत्थर लगना था, जबकि अब दो लाख घन फुट पत्थर लगेगा।

उन्होंने बताया कि उन पत्थरों को गुजरात, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के कारीगरों द्वारा तराशा जा चुका है। उन्होंने बताया कि मंदिर का भूतल समेत सत्तर फीसदी काम पूरा हो चुका है। मंदिर में लोहा, सीमेंट, सरिया का उपयोग नहीं किया जायेगा। इसमें केवल सफेद सीमेंट और तांबा का उपयोग होगा। मंदिर के फर्श पर मार्बल लगेगा साथ ही साथ ग्रिंट ग्रेनाइट पत्थर का बनाया जायेगा जिससे पानी आदि का ज्यादा फर्क नहीं पड़ेगा। उन्होंने बताया कि संत-धर्माचार्य रामभक्त चाहते थे कि अयोध्या में भगवान श्रीराम का भव्य मंदिर बने जिसका दिन अब आ ही गया है। श्रीरामजन्मभूमि पर मंदिर बनने से साधु संतों का सम्मान भी बढ़ा है। उन्होंने कहा कि राम मंदिर में रामलला विराजमान होंगे जो लाखों-करोड़ों रामभक्तों के संकल्पों की सिद्धि करेंगे।