बागपत, उत्तर प्रदेश में बागपत के दोघट क्षेत्र निवासी एक मरीज के यूरेटर (मूत्रवाहिनी) में फंसी 85 एमएम लंबाई और 15 एमएम चौड़ी पथरी को चिकित्सकों ने बाहर निकाला। पिछले पांच साल से पथरी मूत्रवाहिनी में फंसी होने के बावजूद गुर्दा पूरी तरह सुरक्षित रहा।
चौगामा क्षेत्र के दाहा गांव निवासी 21 वर्षीय सुनील पिछले पांच साल से पेशाब में जलन और पेट दर्द से परेशान थे। दर्द बढ़ा तो कई चिकित्सकों से परामर्श के बाद बड़ौत स्थित मैनावती हॉस्पिटल पहुंचे। वरिष्ठ सर्जन डा. दिनेश बंसल ने अल्ट्रासाउंड आदि रिपोर्ट देखने के बाद यूरेटर के मध्य भाग में फंसी 85 गुणा 15 एमएम की पथरी को ऑपरेशन से निकाल दिया।
डा. बंसल ने शुक्रवार को बताया कि उन्होंने इतनी बड़ी पथरी अभी तक नहीं देखी है। बड़े आकार के बावजूद किडनी को कोई नुकसान नहीं पहुंचना भी आश्चर्यजनक है। आमतौर पर मूत्रवाहिनी में पाई जाने वाली पथरी का आकार 10 से 30 एमएम होता है। पिछले साल गंगाराम हॉस्पिटल में चिकित्सकों ने 210 एमएम की पथरी निकाली थी जो एक रिकार्ड है। यह स्टोन कई टुकड़ों में था, जबकि सुनील की मूत्रवाहिनी से निकली पथरी वन पीस है।