नई दिल्ली, को इंडिया हैबीटेट सेंटर के सिल्वर ओक हॉल में ‘एग्री-इनपुट पर क्यूआर कोड इम्प्लीमेंटेशन’ पर एक नेशनल कॉन्फ्रेंस का सफल आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में एग्री-इनपुट एक्सपर्ट्स और गवर्नमेंट ऑफिशियल सहित 200 से अधिक डिसीजन मेकर्स ने हिस्सा लिया। इस कॉन्फ्रेंस ने एग्री-इनपुट क्षेत्र में क्यूआर कोड इम्प्लीमेंटेशन के लाभों के बारे में बातचीत के लिए एक प्लेटफार्म के रूप में कार्य किया।
इनॉग्रल सेशन के दौरान, जीएस1 इंडिया के सीईओ श्री एस. स्वामीनाथन ने एग्री इनपुट की क्वालिटी और सेफ्टी सुनिश्चित करने में क्यूआर कोड इंप्लीमेंटेशन की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने सभी स्टेकहोल्डर्स से आग्रह किया कि सहमति से परे जाकर साथ आगे बढ़ें और क्षेत्र और किसानों के लिए क्यूआर कोड से होने वाले व्यापक लाभों पर विचार करें। उन्होंने डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल का जिक्र करते हुए डेटा सुरक्षा की आवश्यकता को रेखांकित किया और इंडस्ट्री से इसे अपनाने का आग्रह किया।
उद्घाटन भाषण के बाद सीआईबी एंड आरसी के डिप्टी डायरेक्टर डॉ. ब्रिजेश त्रिपाठी ने किनोट स्पीच दी। उन्होंने कीटनाशक क्षेत्र में क्यूआर कोड के इम्प्लीमेंटेशन पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि कि क्यूआर कोड इंटीग्रेटेड पेस्टीसाइड मैनेजमेंट सिस्टम का हिस्सा होंगे, जिसका उद्देश्य किसानों को नकली कीटनाशकों से बचाना है।
इंडस्ट्री लीडर और धानुका एग्रीटेक लिमिटेड के फाउंडर चेयरमैन आरजी अग्रवाल ने खेती में घटिया फॉर्मूलेशन और नकली कीटनाशकों के उपयोग पर अपने विचार रखें। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि क्यूआर कोड के उचित इम्प्लीमेंटेशन से समस्याओं का मुकाबला किया जा सकता है और फूड सिक्योरिटी सेफ्टी सुनिश्चित की जा सकती है।
इनॉग्रल सेशन के बाद सीआईबी एंड आरसी के डिप्टी डायरेक्टर डॉ. ब्रिजेश त्रिपाठी ने किनोट स्पीच दी, उन्होंने कीटनाशक क्षेत्र में क्यूआर कोड के इम्प्लीमेंटेशन पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि कि क्यूआर कोड इंटीग्रेटेड पेस्टीसाइड मैनेजमेंट सिस्टम का हिस्सा होंगे, जिसका उद्देश्य किसानों को नकली कीटनाशकों से बचाना है।
इंडस्ट्री लीडर और धानुका एग्रीटेक लिमिटेड के फाउंडर चेयरमैन आरजी अग्रवाल ने खेती में घटिया फॉर्मूलेशन और नकली कीटनाशकों के उपयोग पर अपने विचार रखें। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि क्यूआर कोड के उचित इम्प्लीमेंटेशन से समस्याओं का मुकाबला किया जा सकता है और फूड सिक्योरिटी सेफ्टी सुनिश्चित की जा सकती है। पीएमएफएआई की रिजनल डायरेक्टर डॉ. अर्चना कुमारी श्रीवास्तव और ऑथेंटिकेशन सॉल्यूशन प्रोवाइडर एसोसिएशन के प्रेसिडेंट श्री नकुल पसरीचा के विशेष संबोधन ने कृषि-इनपुट के लिए डोमेन प्रैक्टिस के लिए क्यूआर कोड को समय पर अपनाने की आवश्यकता पर बल दिया।
नेशनल इंफॉर्मेंटिक्स सेंटर की डिप्टी डायरेक्टर जनरल सुश्री माला मित्तल, क्रिस्टल क्रॉप प्रोटेक्शन लिमिटेड के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट श्री सीएस शुका, देहात के सप्लाय चेन के हेड श्री जितेन राव और फर्टिलाइजर एसोसिएशन ऑफ इंडिया के डायरेक्टर ऑफ मार्केटिंग नरेश प्रसाद ने ‘क्रिएटिंग विजिबिलिटी इन द एग्री-इनपुट सप्लाई चेन’ विषय पर आयोजित पैनल डिस्कशन में हिस्सा लिया। कन्विक कंसल्टिंग के डायरेक्टर और को-फाउंडर श्री दीपक शर्मा ने पैनल डिस्कशन का संचालन किया, जिसके बाद आईएआरआई के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. आर.एन.साहू और पीडब्लूसी के डायरेक्टर श्री युगांक भारद्वाज के नेतृत्व में ‘कृषि में डिजिटल इनोवेशन के प्रभाव’ पर नॉलेज सेशन का आयोजन किया गया।
सम्मेलन में क्रॉपलाइफ इंटरनेशनल ट्रैसेबिलिटी प्रोजेक्ट टीम के चेयरमैन श्री सेबेयर लॉरेंट द्वारा ‘स्टैण्डर्ड-बेस्ड 2डी बारकोड इम्प्लीमेंटेशन’ पर एक सेशन का आयोजन किया गया। सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय ने बारकोडिंग को लागू करने के लिए वित्तीय सहायता योजनाओं के ग्लोबल स्टैण्डर्ड्स पर चर्चा करने के लिए मंच का उपयोग किया। जीएस1 विशेषज्ञों ने डिजिटल लिंक स्टैण्डर्ड के माध्यम से क्यूआर कोड रेग्युलेशन का पालन कैसे करें, इस पर भी चर्चा की।
इस आयोजन को सभी ने सराहा और क्यूआर कोड इम्प्लीमेंटेशन के फायदों और चुनौतियों पर चर्चा करने और किसानों को हाई क्वालिटी एग्री इनपुट तक पहुंच सुनिश्चित करने का प्लेटफार्म बना इवेंट।
रिपोर्टर-आभा यादव