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यूपी विधानसभा में हंगामे के बीच अनुपूरक बजट पास, कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित

लखनऊ ,  नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के विरोध में समाजवादी पार्टी  और कांग्रेस के जोरदार हंगामे के चलते गुरूवार को राज्य विधानसभा के शीतकालीन सत्र की कार्यवाही दूसरा अनुपूरक बजट पारित होने के बाद अनिश्चितकाल के लिये स्थगित कर दी गयी।

विपक्ष ने योगी सरकार पर अलोकतांत्रिक रवैये का आरोप लगाते हुये कहा कि इतिहास में कभी ऐसा नहीं हुआ कि सदन की कार्यवाही शुरू होने के मात्र आधे घंटे के भीतर प्रश्नकाल के दौरान बजट प्रस्तावों को पारित कराया गया हो। सदन की कार्यवाही शुरू होते ही सपा और कांग्रेस के सदस्य वेल पर आ गये और सीएए को वापस लेने की मांग करने लगे। सपा सदस्य सरकार विरोधी नारे लगा रहे थे।सपा नेताओं का आरोप था कि राज्य के विभिन्न इलाकों में सीएए के विरोध में शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे पार्टी कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया जा रहा है।

विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने विपक्षी दल के सदस्यों को अपनी सीटों पर लौटने को कहा जिसे उन्होने अनसुना कर दिया। विपक्ष के उग्र तेवरों को देखते हुये प्रश्नकाल स्थगित कर 10 मिनट के भीतर दूसरा अनुपूरक बजट पारित करा लिया। इस दौरान बसपा सदस्य अपनी सीटों पर शांत भाव से बैठे रहे और उन्होने विरोध प्रदर्शन में हिस्सा नहीं लिया।

इस बीच संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि हंगामे पर उतारू विपक्षी सदस्यों को इस्तीफा दे देना चाहिये। जनता ने उनको चुनकर महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा के लिये सदन भेजा है जबकि वे जनता से जुड़े मुद्दों पर बहस करने से पीछे हट रहे है।

उन्होने कहा ‘‘विपक्षी दल जनसामान्य के जीवन से सरोकार रखने वाली समस्यायों के प्रति कटिबद्ध नहीं दिखते। वे जन समस्यायों को उठाने में विफल साबित हुये है जबकि सरकार इस बारे में उनके हर सवाल का जवाब देने को तैयार बैठी है।’’

भारी शोरशराबे और हंगामें के बीच 4210 करोड़ रूपये से अधिक का अनुपूरक बजट और उससे जुड़े विधेयक पारित करा लिये गये। सरकार ने चार बिल और शुक्रवार के लिये छोड़ा गया कार्य भी इस बीच पूरा करा लिया जो सा के आखिरी दिन यानी शुक्रवार को पूरा किया जाना था।

गौरतलब है कि विधानसभा का शीतकालीन सा पिछले मंगलवार को शुरू हुआ था और इसे चार दिन चलना था लेकिन विपक्ष के हंगामे के चलते सा ढाई दिन से भी कम समय तक चल सका।

इससे पहले सपा सदस्यों ने सुबह विधानभवन परिसर में चौधरी चरण सिंह की प्रतिमा के निकट धरना प्रदर्शन किया और सरकार विरोधी नारेबाजी की। इस दौरान विधानभवन और आसपास के क्षेा में बडी तादाद में सुरक्षा बलों की तैनाती की गयी थी।