जेल अधीक्षक ने किया गंभीर अपराध, सुप्रीम कोर्ट ने जारी किया गैर जमानती वारंट

नयी दिल्ली,  उच्चतम न्यायालय ने उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर की जिला जेल के अधीक्षक के खिलाफ गैर जमानती वारंट (एनबीडब्ल्यू) जारी किया है।

शीर्ष अदालत को बताया गया था कि जेल अधीक्षक ने एक आरोपी की जमानत निरस्त करने के उसके आदेश के बावजूद उसे जेल से रिहा कर दिया।

ये पीसीएस अफसर बनीं मिसेज इंडिया 2019….

न्यायमूर्ति एन वी रमण और न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी की पीठ ने जेल अधीक्षक के खिलाफ दाखिल अवमानना याचिका को विचारार्थ स्वीकार करते हुए आदेश दिया।

पीठ ने कहा, ‘‘अवमानना याचिका विचारार्थ स्वीकार की जाती है। कथित अवमानना कर्ता (जेल अधीक्षक) को 23 सितंबर, सोमवार को इस अदालत में पेश होने के लिए गैर-जमानती वारंट जारी किया जाए।’’

केंद्रीय कर्मचारियों को लेकर सरकार कर सकती है ये बड़ा ऐलान

पीठ एक व्यक्ति की अवमानना याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसने पहले शीर्ष अदालत में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के उस आदेश को चुनौती दी थी जिसमें एक आपराधिक मामले के आरोपी को जमानत दी गयी थी।

इन सरकारी कर्मचारियों का बढ़ा वेतन और भत्ता…

शीर्ष अदालत ने पिछले साल जुलाई में उत्तर प्रदेश सरकार को निर्देश दिया कि आरोपी यदि अब भी हिरासत में है तो उसे अगले आदेशों तक जेल से रिहा नहीं किया जाए।

बाद में शीर्ष अदालत ने 3 दिसंबर, 2018 को आरोपी को जमानत देने के उच्च न्यायालय के आदेश को रद्द कर दिया था।

कुत्ते की मौत पर रक्षा मंत्री दुखी, पूरे सम्मान के साथ हुई विदाई

याचिकाकर्ता ने अवमानना याचिका में कहा कि पिछले साल दिसंबर में आदेश के बाद जेल अधीक्षक ने निचली अदालत से आरोपी के लिए जेल में हिरासत के लिए नये वारंट की मांग की।

अवमानना याचिका के अनुसार हिरासत वारंट का इंतजार किये बिना जेल अधीक्षक ने आरोपी को रिहा कर दिया।

जब इंसान के सिर पर निकल आया ‘सींग’, मामला देख डॉक्टर भी रह गए हैरान….

यूपी का पहला रोप-वे इस जिले मे हुआ शुरू, अब नही चढ़नी पड़ेंगी सैकड़ों सीढ़ियां

अब रेलवे फ्री में रिचार्ज करेगा, आपका मोबाइल नंबर

700 रुपये महीने में इंटरनेट, मुफ्त फोन कॉल, एचडी टीवी और डिश….

लखनऊ में ट्रैफिक दबाव को कम करने के लिए, उठाया गया ये बड़ा कदम

शिक्षक और स्टूडेंट्स को पीएम मोदी ने दी ये खास सलाह….

ड्राइविंग लाइसेंस को लेकर जारी हुआ ये नया नियम