नई दिल्ली, सुप्रीमकोर्ट ने लॉकडाउन के दौरान गैर सहायता प्राप्त निजी स्कूलों की तीन महीने की फीस माफ करने और रेगुलेटरी तंत्र बनाने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करने से मना कर दिया है. कोर्ट ने कहा कि राज्य की स्थिति अलग होती है. याचिकाकर्ता से हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करने के लिए कोर्ट ने कहा है.
प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति आर सुभाष रेड्डी और न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना की पीठ ने वीडियो कांफ्रेन्सिग के माध्यम से मामले की सुनवाई करते हुये कहा, ”फीस बढ़ाये जाने का मामला राज्य के उच्च न्यायालयों में उठाया जाना चाहिए था। यह उच्चतम न्यायालय में क्यों आया है? पीठ ने कहा कि इसे लेकर प्रत्येक राज्य और यहां तक कि प्रत्येक जिले की अलग समस्याएं हैं।
विभिन्न राज्यों में स्कूल जाने वाले बच्चों के अभिभावकों ने शीर्ष अदालत में यह याचिका दायर कर अनुरोध किया था कि कोविड-19 की वजह से लागू लॉकडाउन के दौरान स्कूल की फीस के भुगतान में छूट देने अथवा इसे स्थगित रखने का निर्देश दिया जाए। याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता बालाजी श्रीनिवासन और मयंक क्षीरसागर ने कहा कि पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने स्कूलों को बढ़ी हुयी फीस लेने की अनुमति दे दी है। इस पर पीठ ने कहा कि ऐसी स्थिति में याचिकाकर्ता उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ अपील दायर कर सकते हैं। पीठ ने कहा कि वह इस याचिका पर विचार की इच्छुक नहीं है और याचिकाकर्ता चाहें तो इसे वापस लेकर उच्च न्यायालयों में जा सकते हैं।