नई दिल्ली, राजस्थान हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ राजस्थान स्पीकर की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई और सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया?
राजस्थान में जारी सियासी संकट पर गुरुवार को उच्चतम न्यायालय मे सुनवाई हुई। राजस्थान उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ विधानसभा स्पीकर सीपी जोशी की याचिका पर पायलट गुट और स्पीकर की तरफ से अदालत में दलीलें रखी गईं। पायलट गुट और स्पीकर की तरफ से अदालत में दलीलें रखी गईं।
स्पीकर की तरफ से अदालत में पेश हुए कपिल सिब्बल ने कहा कि राजस्थान उच्च न्यायालय में कार्यवाही पर रोक लगनी चाहिए और फैसला रद्द किया जाना चाहिए। शीर्ष अदालत ने उच्च न्यायालय में कार्यवाही पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। शीर्ष अदालत ने कहा कि पहले उच्च न्यायालय का फैसला आ जाए फिर इस मामले पर सोमवार को दोबारा सुनवाई होगी।अभी उच्च न्यायालय के किसी आदेश पर अमल नहीं होगा।
अदालत ने कपिल सिब्बल से कहा कि इस मामले पर विस्तृत सुनवाई की जरूरत है। इस पर जल्दबाजी में फैसला नहीं हो सकता। बागियों के वकील हरीश साल्वे ने कहा कि उच्च न्यायालय में सभी तथ्यों पर बहस हुई है अब फैसले पर रोक नहीं लगनी चाहिए। वहीं सिब्बल ने कहा कि राजस्थान उच्च न्यायालय में कार्यवाही पर रोक लगनी चाहिए।
अदालत ने यह भी कहा कि विधायकों को जनता ने चुनकर भेजा है और यदि इन्हें कोई असंतोष है तो उसे सुना जाना चाहिए। इसके जवाब में सिब्बल ने कहा कि स्पीकर के पास संवैधानिक अधिकार हैं और वे विधायकों को नोटिस जारी कर सकते हैं।
अदालत ने सवाल किया कि आखिर विधायकों को नोटिस किस आधार पर दिया गया, तो सिब्बल ने कहा कि पायलट गुट के विधायकों की गतिविधियां पार्टी विरोधी लग रही हैं इसलिए नोटिस भेजा गया।
इस दौरान स्पीकर सीपी जोशी की तरफ से वकील कपिल सिब्बल ने कोर्ट में कहा – हाईकोर्ट स्पीकर को आदेश नहीं दे सकता, न्यायालय निर्णय का समय बढ़ाने के लिए स्पीकर को निर्देश नहीं दे सकता जब तक अंतिम निर्णय स्पीकर द्वारा नहीं लिया जाता है, तब तक न्यायालय से कोई हस्तक्षेप नहीं हो सकता है।