नयी दिल्ली, उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती को आज उस वक्त करारा झटका लगा जब उच्चतम न्यायालय ने चुनाव आयोग के प्रतिबंध मामले में हस्तक्षेप करने से फिलहाल इन्कार कर दिया।
जाति, धर्म के नाम पर नफरत फैलाने वाले नेताओं और राजनीतिक दलों के खिलाफ कार्रवाई की मांग संबंधी एक जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान मायावती ने आयोग की ओर से उनके उपर लगाये गये कल के प्रतिबंध मामले में न्यायालय से हस्तक्षेप की मांग की।
मायावती की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता दुष्यंत दवे ने मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली खंडपीठ के समक्ष मामले का विशेष उल्लेख करते हुए त्वरित हस्तक्षेप का उससे अनुरोध किया।
वरिष्ठ अधिवक्ता दुष्यंत दवे ने दलील दी कि उनके मुवक्किल के खिलाफ प्रतिबंध कठोर है और इससे उनके (सुश्री मायावती के) निर्धारित चुनाव कार्यक्रम प्रभावित होंगे।
दुष्यंत दवे ने आज ही मामले की सुनवाई का अनुरोध न्यायालय से किया, लेकिन मुख्य न्यायाधीश उनकी दलीलों से संतुष्ट नजर नहीं आये और उन्होंने सुश्री मायावती को प्रतिबंध के खिलाफ अलग से याचिका दायर करने का निर्देश दिया।
आयोग ने नफरत फैलाने वाले भाषण को लेकर मायावती के चुनाव प्रचार में हिस्सा लेने पर 48 घंटे और राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर 72 घंटे के लिए रोक लगा दी है।