नयी दिल्ली, उच्चतम न्यायालय ने मध्य प्रदेश में आनुपातिक दृष्टि से अधिक मंत्री बनाये जाने मामले में राज्य की शिवराज सिंह सरकार से बुधवार को जवाब तलब किया।
मुख्य न्यायाधीश शरद अरविंद बोबडे, न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति बी रमासुब्रमण्यम की खंडपीठ ने राज्य विधान सभा के पूर्व अध्यक्ष एवं कांग्रेस नेता एन पी प्रजापति की याचिका पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एवं उनकी सरकार को नोटिस जारी करके जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया।
श्री प्रजापति की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल, विवेक तनखा और वकील वरुण तनखा एवं सुमीर सोढी ने दलीलें दी कि मध्य प्रदेश मंत्रिमंडल में 28 नये मंत्रियों को शामिल किया जाना संविधान के अनुच्छेद 164(1)(ए) का उल्लंघन है।
यह अनुच्छेद कहता है कि किसी राज्य सरकार में मंत्रियों की संख्या वहां की विधानसभा में सदस्यों की संख्या की 15 प्रतिशत से अधिक नहीं होनी चाहिए। न्यायालय ने इस मामले में नोटिस जारी किये।
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश मंत्रिपरिषद में अब मुख्यमंत्री समेत 34 मंत्री हो गये हैं, जबकि अनुच्छेद 164(1)(ए) के प्रावधानों के तहत राज्य में अधिक से अधिक 31 मंत्री ही होने चाहिए।