नई दिल्ली, सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक महत्वपूर्ण निर्णय मे देर से आने के आधार पर सीनियर जज की जूनियर को शपथ दिलाए जाने पर रोक संबंधी याचिका खारिज कर दी ?
उच्चतम न्यायालय ने कर्नाटक में एक जूनियर को उच्च न्यायालय के अतिरिक्त न्यायाधीश के तौर पर शपथ दिलाए जाने पर रोक संबंधी याचिका सोमवार को खारिज कर दी।
न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता और न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस की खंडपीठ ने प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश की याचिका यह कहते हुए खारिज कर दी कि उन्हें शपथ ग्रहण पर रोक को लेकर याचिका दायर करने में देरी हो गयी।
न्यायमूर्ति गुप्ता ने याचिका खारिज करते हुए कहा, “यद्यपि आप (याचिकाकर्ता) वरिष्ठ हैं, लेकिन आपको अदालत का दरवाजा खटखटाने में विलंब हो गया। पंद्रह मिनट बाद शपथ होने वाली है। ऐन मौके पर कोर्ट सुनवाई नहीं कर सकता।”
शीर्ष अदालत ने कहा कि किसी जज को पदोन्नत किया गया हो और वह शपथ लेने वाला हो तो पहले से याचिका दायर की जानी चाहिए थी, न कि शपथ से कुछ देर पहले। संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत किसी के शपथ से ऐन पहले याचिका दायर नहीं की जा सकती।
याचिकाकर्ता ने अपने जूनियर की कर्नाटक उच्च न्यायालय में अतिरिक्त न्यायाधीश के तौर पर नियुक्ति पर रोक का अनुरोध न्यायालय से किया था। उन्होंने वरीयता क्रम की अनदेखी करने का आरोप लगाते हुए आज होने वाली शपथ पर रोक की मांग की थी।