लखनऊ, ग्रामीण क्षेत्रों मे स्वच्छता को लेकर उत्तर प्रदेश सक्रिय हो चुका है। स्वच्छता को लेकर प्रदेश मे कई विशेष कार्य किये जारहे हैं।
पंचायतीराज निदेशक डा0ब्रहमदेव राम तिवारी ने यह जानकारी अलीगंज स्थित पंचायतीराज निदेशालय अलीगंज में आयोजित प्रेस वार्ता में दी।
उन्होने प्रेसवार्ता के दौरान बताया कि स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के अन्तर्गत स्वच्छता की दिशा में किये गये कार्यो का धरातलीय आंकलन करने हेतु पेयजल एवं स्वच्छता विभाग जल शक्ति मंत्रालय भारत सरकार नयी दिल्ली के द्वारा एक स्वतन्त्र एजेन्सी इपसोस के माध्यम से स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण का कार्य 14 अगस्त 2019 से प्रारम्भ किया गया है।
इस सर्वेक्षण के माध्यम से एक राष्ट् व्यापी प्रतियोगिता का आयोजन करते हुए ग्रामों एवं जनपदों की रैंकिंग निर्धारित मापदंडों पर की जाती है।
स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण का कार्य 30 सितम्बर,2019 तक किया जायेगा।
सर्वेक्षण के पश्चात जनपदों की रैंकिंग निर्धारित की जायेगी तथा श्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले ग्रामों जनपदों एवं राज्यों को विभिन्न कटेगरी में सम्मानित भी किया जायेगा।
स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण के क्रियान्वयन हेतु प्रदेश के सभी मण्डलायुक्तों एवं जिलाधिकारियों को निर्देश दिये गये हैं।
डा0 तिवारी ने ग्रामों में सर्वेक्षण किये जाने वाले प्रमुख बिन्दुओं की जानकारी देते हुए बताया कि गाॅव के सार्वजनिक स्थानों पर प्लास्टिक कूड़ा करकट की स्थिति पर 10 अंक दिये जाने है।
टीम द्वारा उस स्थान पर डस्टबीन देखते ही पूरे 10 अंक ग्राम को मिल जायेगें। इस लिए आप पुराने ड्म अथवा किसी भी तरह का डस्टबिन इन सार्वजनिक स्थानों पर रखवाया जाना चाहिए।
जो जनपद सबसे अधिक एसएसजी2019ऐप डाउनलोड करवाकर फीडबैंक दिलवा सकेगा उसे उतने ही अधिक अंक प्राप्त होगें और उत्तर प्रदेश जनसंख्या की दृष्टि से सबसे बडा राज्य होने के कारण इसका फायदा तो हमारे प्रदेश को मिलना ही चाहिए।
डा0तिवारी ने बताया कि विभिन्न राजनैतिक संगठनों की बैठक में यह सन्देश जरूर दिलवा दिया जाये कि स्वच्छ सर्वेक्षण में सहयोग करने से उनका मान बढेगा।
गाॅव के सार्वजनिक स्थानों की स्वच्छता का विशेष महत्व है।
विकास खण्ड वार एवं ग्राम वार प्रतियोगिता बढाने हेतु आई0ई0सी0 मद से सर्वाधिक सहयोग करने वाले को पुरस्कार की घोषणा का एलान कर सकते है।
ग्रामीण क्षेत्रों में इस सम्बन्ध में वाल पेंटिंग करवा सकते है।