लखनऊ, प्रदेश में स्वच्छ भारत मिशन नगरीय के अंतर्गत स्वच्छ सर्वेक्षण 2020 की तैयारी शुरू हो गई है। जिसके क्रम में, आज लखनऊ में पहली कार्यशाला संपन्न हुई।
कार्यशाला को संबोधित करते हुए स्वच्छ भारत मिशन नगरीय के मिशन निदेशक अनुराग यादव ने कहा कि
स्वच्छ सर्वेक्षण 2020 में, उत्तर प्रदेश की स्थिति में बड़ा परिवर्तन होगा।
उन्होंने कहा कि सर्वेक्षण में इंडिकेटर्स का बड़ा महत्व है। हर इंडिकेटर्स पर नंबर है एक नंबर से भी पीछे रहने पर हम रैंकिंग में 100 पायदान नीचे हो जाते हैं।
इसलिए प्रत्येक निकाय को स्वच्छ सर्वेक्षण में हर इंडिकेटर्स पर दिए जाने वाले नंबरों का महत्व समझना होगा और इसके लिए अभी से तैयारी शुरू कर देनी है।
उन्होंने कहा की हमारी प्रत्येक निकाय स्वच्छ सर्वेक्षण के लिए गंभीरता से कार्य करती है, लेकिन मुख्य रूप से एक बड़ी कमी नजर आती है कि वह अपने किए हुए कार्यों का डॉक्यूमेंटेशन सही तरीके से और सही वक्त पर नहीं करते हैं जिससे वह पीछे रह जाते हैं।
इसका एक बहुत बड़ा कारण है कि हम उस कार्य की डेडलाइन को लेकर चलते हैं अगर हम कोशिश करें कि डेडलाइन से पहले ही हम अपने कार्य को समाप्त करने की आदत डालें तो स्वच्छ सर्वेक्षण 2020 में हम अपने निकाय को बेहतर रैंकिंग दिला सकते हैं।
उन्होंने उपस्थित अधिकारियों का उत्साह बढ़ाते हुए कहा कि इस कार्यशाला में आपकी उपस्थिति दर्शाती है कि आप स्वच्छ सर्वेक्षण को लेकर कितने गंभीर हैं।
कार्यशाला में स्वच्छ सर्वेक्षण 2020 के इंडिकेटर्स के विषय में दिल्ली से आए हुए स्वच्छ भारत मिशन के निदेशक विनय झा ने विस्तृत रूप से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि निकायों की रैंकिंग के आधार पर ही प्रदेश की रैंकिंग भी तय होती है इसलिए अगर निकाय बेहतर परफॉर्म करेंगे तो निश्चित रूप से उत्तर प्रदेश की रैंकिंग अच्छी होगी।
राष्ट्रीय पीएमयू के वैभव राव ने स्वच्छ सर्वेक्षण 2020 के तकनीकी पक्ष के विषय में बताया।
इसके अलावा क्यूसीआई के अंशु मित्तल ने ओडीएफ प्लस व ओडीएफ प्लस-प्लस स्टेटस मेंटेन करने की टिप्स बतायी।
स्वच्छ भारत मिशन नगरीय के अंतर्गत स्वच्छ सर्वेक्षण 2020 उत्तर प्रदेश में दिनांक 4 जनवरी 2020 से शुरू हो रहा है जो कि प्रदेश में 31 जनवरी 2020 तक चलेगा। स्वच्छ सर्वेक्षण 2020 के अंतर्गत प्रदेश में चल रहे स्वच्छ भारत मिशन कार्यक्रम की समीक्षा थर्ड पार्टी द्वारा की जाएगी।
सर्वेक्षण हेतु कई बिंदु निर्धारित किए गए हैं जिस पर निकायों की मॉनिटरिंग की जाएगी और परफॉर्मेंस के आधार पर उन्हें अंक दिए जाएंगे। हर निकाय के लिए कुल 6000 अंक निर्धारित किए गए हैं। कितने अंक निकाय को प्राप्त होते हैं इस आधार पर उसकी रैंकिंग तय होगी।
स्वच्छ सर्वेक्षण में प्रदेश को बेहतर रैंक दिलाने हेतु राज्य स्तर पर तीन कार्यशालाओं का आयोजन किया जा रहा है।
जिसके माध्यम से पूरे प्रदेश के नगर प्रमुख, नगर आयुक्तों, निकाय अध्यक्षों, अधिशासी अधिकारियों व परियोजना से जुड़े जिलास्तरीय अधिकारियों को कार्यक्रम हेतु संवेदित किया जाएगा जिससे कि उत्तर प्रदेश की स्वच्छ सर्वेक्षण 2020 में बेहतर स्थिति हो सके।