औरंगाबाद, आधुनिकता की मार, अपसंस्कृति को मिलता बढ़ावा और टेलीविजनों पर लगभग अश्लील कार्यक्रमों की भरमार के कारण बिहार के गांवों में दशहरा के अवसर पर हर वर्ष आयोजित होनेवाली ‘रामलीला’ की परंपरा लुप्त होती जा रही है। गांवों में आपसी भाईचारे, सद्भाव, संस्कृति और सहिष्णुता को बढ़ावा देने वाली …
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