साढ़े तीन स्टार औरतों की खुशी, ख्वाहिशें, कल्पनाएं, जुनून और महत्वाकांक्षाओं को बिना लाग लपेट के अलंकृता श्रीवास्तव ने इस फिल्म में पेश किया है। जैसा सआदत हसन मंटो व इस्मत चुगतई की कहानियों में होता है। फिल्म की कथाभूमि भोपाल में है, जो पुरानी और आधुनिक संस्कृतियों के …
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