मुंबई, लेखक एवं निर्देशक मिलाप झवेरी का मानना है कि जाति, धर्म और लिंग के बावजूद फिल्में लोगों को एकजुट करती हैं। झावेरी ने रविवार को ट्विटर पर कहा, सिनेमाहॉल एक ऐसी जगह है, जहां जाति, पंथ, धर्म, लिंग, यौन वरीयता.. कुछ भी मायने नहीं रखता। फिल्में हमें एक छत …
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