नयी दिल्ली , केंद्र ने आज उच्चतम न्यायालय से कहा कि दो वयस्कों के बीच सहमति से अप्राकृतिक यौन संबंधों को अपराध की श्रेणी में लाने के मुद्दे पर , धारा 377 की संवैधानिक वैधता के बारे में फैसला वह उसके न्यायाधीशों के विवेक पर छोड़ता है। प्रधान न्यायाधीश दीपक …
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