नई दिल्ली, सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अध्यादेशों को फिर से जारी करना संविधान से धोखा और लोकतांत्रिक विधायी प्रक्रिया को नुकसान पहुंचाना है, विशेष तौर पर जब सरकार अध्यादेशों को विधानमंडल के समक्ष पेश करने से लगातार परहेज करे। सात न्यायाधीशों वाली संवैधानिक पीठ ने 6ः1 के बहुमत …
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