नयी दिल्ली , आयुष मंत्रालय ने ‘माई लाइफ, माई योग’ नाम से अंतर्राष्ट्रीय वीडियो ब्लाॅग की एक प्रतियोगिता शुरू की है। इस प्रतियोगिता में आप भी भाग ले सकतें हैं।
आकाशवाणी पर प्रसारित मन की बात कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कोरोना की वैश्विक महामारी से निपटने में योग एवं आयुर्वेद के महत्व को रेखांकित करते हुए इस प्रतियोगिता का जिक्र किया।
श्री मोदी ने कहा कि लोगों के जीवन में योग के प्रभाव को बढ़ाने के लिए आयुष मंत्रालय ने भी इस बार एक अनोखा प्रयोग किया है। आयुष मंत्रालय ने ‘माई लाइफ, माई योग’ नाम से अंतर्राष्ट्रीय वीडियो ब्लाॅग की एक प्रतियोगिता शुरू की है। भारत ही नहीं, पूरी दुनिया के लोग, इस प्रतियोगिता में हिस्सा ले सकते हैं। इसमें हिस्सा लेने के लिए अपना तीन मिनट का एक वीडियो बना करके अपलोड करना होगा।
उन्होंने कहा, “इस वीडियो में आप, जो योग, या आसन करते हों, वो करते हुए दिखाना है, और, योग से, आपके जीवन में जो बदलाव आया है, उसके बारे में भी बताना है। मेरा, आपसे अनुरोध है, आप सभी, इस प्रतियोगिता में अवश्य भाग लें, और इस नए तरीके से, अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस में, आप हिस्सेदार बनिए।”
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कोरोना की वैश्विक महामारी से निपटने में योग एवं आयुर्वेद के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा है कि विश्व समुदाय भारत की इस धरोहर की ओर बहुत गंभीरता और आशा भरी दृष्टि से देख रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस’ जल्द ही आने वाला है। ‘योग’ जैसे-जैसे लोगों के जीवन से जुड़ रहा है, लोगों में, अपने स्वास्थ्य को लेकर, जागरूकता भी लगातार बढ़ रही है। कोरोना संकट के दौरान भी ये देखा जा रहा है कि हॉलीवुड से हरिद्वार तक, घर में रहते हुए, लोग ‘योग’ पर बहुत गंभीरता से ध्यान दे रहे हैं। हर जगह लोगों ने ‘योग’ और उसके साथ-साथ ‘आयुर्वेद’ के बारे में, और ज्यादा, जानना चाहा है, उसे, अपनाना चाहा है।
उन्होंने कहा कि कोरोना संकट के इस समय में ‘योग’ – आज इसलिए भी ज्यादा अहम है, क्योंकि यह विषाणु हमारे श्वसन तंत्र को सबसे अधिक प्रभावित करता है। ‘योग’ में तो श्वसन तंत्र को मजबूत करने वाले कई तरह के प्राणायाम हैं, जिनका असर हम लम्बे समय से देखते आ रहे हैं। ये समय की कसौटी पर खरी उतरने वाली तकनीक हैं जिनका अपना अलग महत्व है। ‘कपालभाती’ और ‘अनुलोम-विलोम’, ‘प्राणायाम’ से अधिकतर लोग परिचित होंगे। लेकिन ‘भस्त्रिका’, ‘शीतली’, ‘भ्रामरी’ जैसे कई प्राणायाम के प्रकार हैं, जिसके, अनेक लाभ भी हैं।
उन्होंने कहा कि कितने ही लोग, जिन्होंने, कभी योग नहीं किया, वे भी, या तो ऑनलाइन योग क्लास से जुड़ गए हैं या फिर ऑनलाइन वीडियो के माध्यम से भी योग सीख रहे हैं। सही में, ‘योग’ सामुदायिक भावना, प्रतिरोधक क्षमता और देश की एकता, सबके लिए अच्छा है।