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यूपी में शिक्षकों को लगा बड़ा झटका…..

मैनपुरी, उत्तर प्रदेश के मैनपुरी जनपद में बेसिक शिक्षा विभाग से बर्खास्त किए गए 105 शिक्षकों से लगभग 47 करोड़ रुपये की वसूली करेगा. साथ ही इनके विरुद्ध थाने में रिपोर्ट भी दर्ज कराई जाएगी. महानिदेशक शिक्षा उत्तर प्रदेश विजय किरण आनंद ने इस संबंध में बीएसए को पत्र भेजकर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।

जिले में अब तक 105 शिक्षकों की बर्खास्तगी हो चुकी है। वर्ष 2017 में जिले से 31 शिक्षकों को बर्खास्त किया गया था। वर्ष 2019 में 74 शिक्षकों की बर्खास्तगी की गई है। इन सभी शिक्षकों को वेतन व भत्तों के रूप में प्रदान की गई धनराशि को वसूलने के निर्देश महानिदेशक शिक्षा उत्तर प्रदेश ने दिए हैं।

महानिदेशक ने पत्र जारी करते हुए कहा है कि 31 जनवरी तक इनके विरुद्ध हुई कार्रवाई की जानकारी भी उपलब्ध कराई जाए। महानिदेशक ने इन शिक्षकों के विरुद्ध एफआईआर कराने को भी कहा है। पत्र प्राप्त होने के बाद विभाग तैयारियों में जुट गया है।

30 नवंबर को जिले से बर्खास्त किए गए 74 फर्जी शिक्षकों ने बेसिक शिक्षा विभाग को बड़ा नुकसान पहुंचाया है। फर्जी और फेंक अंकपत्रों के सहारे पिछले 10 साल में ये शिक्षक 50-50 लाख रुपये वेतन पाकर विभाग को लगभग 37 करोड़ का नुकसान पहुंचाने में सफल हुए हैं।

बर्खास्तगी के बाद अब इन शिक्षकों से वेतन रिकवरी की कार्रवाई भी की जाएगी। जबकि 2017 में बर्खास्त हुए शिक्षक करीब 10 करोड़ रुपये वेतन के रूप में प्राप्त कर चुके थे।

जुलाई 2017 में पूर्व बीएसए रामकरन यादव ने 31 फर्जी शिक्षकों के खिलाफ कोतवाली में एफआईआर दर्ज कराई थी। इन फर्जी शिक्षकों को आज तक पुलिस न तो गिरफ्तार कर सकी और न ही विभाग इनसे एक रुपये की रिकवरी कर सका। अब महानिदेशक का पत्र आने के बाद विभाग में खलबली मच गई है।

30 नवंबर 2019 को बर्खास्त किए गए 74 शिक्षक 10 दिसंबर को अपनी बर्खास्तगी के आदेश के विरुद्ध हाईकोर्ट से स्थगन आदेश करा लाए हैं। इसके चलते इनके खिलाफ अभी तक एफआईआर भी नहीं हो सकी है।

एक तरफ एसआईटी द्वारा फर्जी घोषित ये शिक्षक अपनी पुन: ज्वाइनिंग की मांग कर रहे हैं तो दूसरी तरफ बीएसए ने विभाग से उनके स्थगन आदेश के खिलाफ विशेष अपील किए जाने की अनुमति मांगी है।

बीएसए विजय प्रताप सिंह ने बताया कि बर्खास्त शिक्षक कोर्ट गए थे, जहां से एक आदेश लेकर आए हैं। इस आदेश के संबंध में सचिव बेसिक शिक्षा परिषद को पत्र लिखा गया है। इसमें कोर्ट के आदेश पर विशेष अपील दाखिल करने की मांग की गई है। आगे विभाग और शासन के जो भी निर्देश होंगे उनका पालन किया जाएगा। पूर्व में बर्खास्त किए गए शिक्षकों से रिकवरी की कार्रवाई की जा रही है।