नयी दिल्ली , राष्ट्रीय जनता दल नेता और बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने आज आरोप लगाया कि केन्द्र सरकार में मनुवादी सोच के लोग शामिल हैं जो बहुजन समाज और सामाजिक न्याय के लिए लड़ने वालों को डराने- धमकाने का प्रयास कर रहे हैं।
तेजस्वी यादव ने जवाहर लाल नेहरु विश्वविद्यालय और दिल्ली विश्वविद्यलय के शिक्षकों एवं छात्रों की ओर से ‘समकालीन राजनीति में युवाओं की भूमिका’ विषय पर यहां आयोजित गोष्ठी को सम्बोधित करते हुए कहा कि मनुवादी सोच के लोग बहुजन समाज के हित के लिए सोचने वाले और सामाजिक न्याय के पक्षधर लोगों को दबाने तथा डराने-धमकाने का प्रयास कर रहे हैं जिसका पुरजोर विरोध किया जाना चाहिए।यह संगोष्ठी डीयू, जेएनयू और जामिया मिलिया विश्वविद्यालय के छात्रों और शिक्षकों द्वारा आयोजित की गई थी।
2019 के लोकसभा चुनाव को लेकर राष्ट्रीय जनता दल नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि अगले चुनाव में एक तरफ ‘मंडल, अंबेडकर और गांधी’ की विचारधारा तो दूसरी तरफ ‘गोडसे और गोलवलकर’ की विचारधारा होगी। तेजस्वी ने संगोष्ठी में केंद्र की एनडीए सरकार पर देश में सांप्रदायिक टकराव को बढ़ावा देने का आरोप लगाया और देश की अर्थव्यवस्था और संविधान को खतरे में बताया।
तेजस्वी ने कहा ‘‘मेरा मानना है कि 2019 की लड़ाई मंडल, अंबेडकर और गांधी बनाम गोडसे और गोलवलकर के तौर पर होगी, इसमें कौन ताकतवर साबित होगा, यह देखने वाली बात होगी।’’ बिहार विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी ने कहा कि उन्हें लगता है कि ‘कमंडल’ की विचारधारा को मानने वालों को खत्म करने का दौर चल रहा है।
संविधान और अर्थव्यवस्था पर खतरे के बारे में उन्होंने कहा कि धार्मिक आधार पर टकराव की भूमिका तैयार की जा रही है और सत्ता में बैठे लोग इसे गुपचुप तरीके से बढ़ावा देने में लगे हैं। उन्होंने कहा कि बुद्धिमानी से एकजुट होकर इस खतरे से निपटा जा सकता है। इसके लिए समय को गवायें बिना प्रयास किया जाना चाहिए। उन्होंने देशभक्ति के मुद्दे पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) को निशाना बनाते हुये कहा, ‘‘जो लोग नागपुर में तिरंगा नहीं फहरा सकते वे देशभक्ति का प्रमाणपत्र बांटेंगे।’’
विभाजनकारी ताकतों के खिलाफ युवाओं से एकजुट होने की अपील करते हुये तेजस्वी ने कहा कि उनके पिता लालू प्रसाद ने सामाजिक न्याय की लड़ाई बिना किसी समझौते के लड़ी। उन्होंने कहा ‘‘मेरे पिता ने सांप्रदायिक और मनुवादियों को सत्ता में आने से रोकने की चुनौती दी थी, इसीलिए वह इनके निशाने पर रहे लेकिन वह अपने संघर्ष के बलबूते इस लड़ाई में मजबूत होकर उभरे।’’
तेजस्वी ने इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि अगर हर कोई पकोड़ा बेचने लगेगा तो उन्हें खरीदेगा कौन? उन्होंने कहा ‘‘नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री बनने की खातिर युवाओं को सपने बेचे और अब इन सपनों की हकीकत सबको देखना बाकी है।’’