नयी दिल्ली, लोकसभा चुनाव का चौथा चरण बीत जाने के बाद, सपा-बसपा गठबंधन ने वाराणसी को लेकर एक बड़ा फैसला कर जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चुनौती दी है , वहीं अब कांग्रेसी उम्मीदवार के भी तेजबहादुर यादव के समर्थन मे हटने की बात सुनायी दे रही है.
तेज बहादुर यादव वह सैनिक है, जिसे सैनिकों को दिए जाने वाले भोजन की क्वालिटी से जुड़ा वीडियो जारी करने के बाद नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया था. सपा-बसपा गठबंधन ने वाराणसी लोकसभा सीट से प्रत्याशी बदलते हुए तेजबहादुर यादव को टिकट दे दिया है. समाजवादी पार्टी ने हाल ही में शालिनी यादव को वाराणसी से उम्मीदवार बनाया था. तेजबहादुर यादव अब शालिनी यादव के स्थान पर पार्टी उम्मीदवार होंगे, और BJP प्रत्याशी व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुकाबला करेंगे.
कांग्रेस ने यहां से अजय राय को अपना उम्मीदवार बनाया है. इससे पहले पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी के वाराणसी से उम्मीदवार बनाये जाने की चर्चा थी. उन्हे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ सशक्त उम्मीदवार माना जा रहा था. लेकिन एन वक्त पर पिछली बार के उम्मीदवार अजय राय को दोबारा उतार दिया गया. इससे विपक्ष पर आरोप लग रहा था कि उसने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुकाबला करने से पहले हार मान ली है.
आज अचानक विपक्ष ने अपनी रणनीति बदलते हुये, सपा-बसपा गठबंधन ने वाराणसी से शालिनी यादव के स्थान पर बर्खास्त सिपाही तेजबहादुर यादव को अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया. इसके बाद तेजबहादुर यादव को समर्थन मिलना शुरू हो गया.
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने वाराणसी में लोकसभा चुनाव के लिए सीमा सुरक्षा बल के बर्खास्त जवान तेज बहादुर को समाजवादी पार्टी का उम्मीदवार बनाये जाने पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव को बधाई दी. केजरीवाल ने ट्वीट कर बर्खास्त जवान को सपा का टिकट देने के लिए तारीफ की और बधाई दी.
उसी के बाद यह चर्चा तेजी से होने लगी कि कांग्रेस भी अपना उम्मीदवार तेजबहादुर यादव के समर्थन मे हटा रही है. अगर तेजबहादुर यादव के समर्थन मे कांग्रेस भी अपना उम्मीदवार हटा लेती है तो निश्चित है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बड़ी चुनौती मिलेगी. वाराणसी में अंतिम चरण में 19 मई को चुनाव होने हैं.