नई दिल्ली, किसान संगठनों और सरकार के बीच शुक्रवार को हुई 11वें दौर की बैठक में कृषि सुधार कानूनों को लेकर दोनों पक्षों के अपने-अपने रुख पर अड़े रहने के कारण कोई सहमति नहीं बन सकी।
केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा कि बैठक में कोई सहमति नहीं बन पायी।
श्री तोमर ने कहा कि सरकार के विकल्प प्रस्तुत किये जाने के बावजूद किसान संगठन केवल तीनों कानूनों को वापस लेने मांग पर अड़े रहे। उन्होंने कहा कि सरकार किसानों के कल्याण के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
श्री तोमर ने कहा कि सरकार ने किसानों से सरकार के प्रस्तावों पर पुन: विचार करने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि किसान संगठन कल तक अपने निर्णय से सरकार को अवगत करा सकते हैं।
गौरतलब है कि सरकार ने तीनों कृषि कानूनों को एक से डेढ़ वर्ष तक स्थगित रखने का प्रस्ताव किसान संगठनों को दिया हुआ है।
उन्होंने कहा कि कुछ ताकतें हैं जो चाहती हैं कि किसानों का आंदोलन जारी रहे और कोई बातचीत का कोई बेहतर नतीजा न निकले।
भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने बैठक के बाद कहा कि प्रस्तावित ट्रैक्टर रैली 26 जनवरी को निकलेगी। राजधानी की सीमा से सटे इलाकों में किसानों का विरोध प्रदर्शन शुक्रवार को 58 वें दिन भी जारी रहा। पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और अन्य प्रदेशों से आये हजारों किसान दिल्ली के प्रवेश द्वारों पर धरना दे रहे हैं।
यह प्रदर्शन 26 नवंबर को शुरू हुआ था। किसान तीनों कृषि सुधार कानूनों को वापस लेने और न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानूनी दर्जा देने की मांग कर रहे हैं।