अयोध्या, बाबरी मस्जिद के पूर्व पक्षकार रहे हाजी महबूब ने सीबीआई की विशेष अदालत के फैसले पर सभी आरोपियों को विध्वंस मामले में बरी करने पर कहा कि अब क्या कहना है? जो कुछ इस मुल्क में हो रहा है वह सब अच्छा ही हो रहा है।
छह दिसम्बर 1992 को अयोध्या में जिस विवादित ढांचे को गिराया गया था उस मामले में सबसे पहली एफआईआर वहीं के वाशिंदे हाजी महबूब ने दर्ज करायी थी। उन्होंने कहा कि अपने घर से चंद कदमों की दूरी पर थाना रामजन्मभूमि में आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था वह आज सब बरी हो गये हैं।
उन्होंने कहा कि इस मामले में 17 लोगों का देहान्त हो चुका है लेकिन 32 आरोपियों को लखनऊ की सीबीआई अदालत ने बरी कर दिया। उन्होंने कहा कि जहां दंगे होते हैं वहां भी मुसलमानों को सताया जाता है और यह इतना बड़ा कांड था कि कल्याण सिंह ने खुद कहा था कि हां-हां मुझे गर्व है और मैंने गिराया है मुझे कोई परेशानी नहीं है।
उन्होंने सीबीआई का फैसला आने के दो दिन पहले बगैर नाम लिये हुए कहा कि यह लोग चिल्ला रहे थे कि बाबरी मस्जिद का विध्वंस हमने किया था, अदालत जो फैसला देगी वह कबूल है। वैसे तो इस देश का मुस्लिम समाज अदालत का सम्मान करता है और आगे भी करता रहेगा । इसके अलावा मुझे कुछ भी नहीं कहना है।