नयी दिल्ली, केंद्र सरकार ने सशस्त्र बलों के कर्मियों को एक बड़ा तोहफा दिया है?
केंद्र सरकार ने सशस्त्र बलों के कर्मियों के लिए अशक्त पेंशन की योग्यता के लिए 10 वर्ष या उससे ज्यादा समय के लिए नौकरी करने की अनिवार्यता को खत्म कर दिया है।
केंद्र सरकार के इस निर्णय के बाद अब यह अशक्त पेंशन सशस्त्र बलों के उन कर्मियों को भी मिल सकेगी जिन्होंने अपनी सेवाएं 10 साल से कम समय के लिए दी हैं।
रक्षा मंत्री कार्यालय ने आज ट्वीट कर यह जानकारी दी। रक्षा मंत्री कार्यालय ने ट्वीट किया, “सरकार ने सशस्त्र बलों के उन कर्मचारियों को भी अशक्त पेंशन देने का फैसला किया है जिन्होंने अपनी सेवाएं 10 साल से कम समय के लिए दी हैं। अशक्त पेंशन सशस्त्र बलों के उन कर्मियों को दी जाती है जो अपनी सेवाएं देने के दौरान किसी दुर्घटना के कारण अशक्त होने से सेवा से बाहर हो जाते हैं।”
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दी है। इस सरकार के इस फैसले का लाभ उन सशस्त्र बलों के उन कर्मियों को मिलेगा जो चार जनवरी 2019 को या उसके बाद सेवा में आये हैं।
ट्वीट में कहा गया, “इससे पहले अशक्त पेंशन के लिए 10 वर्ष या उससे अधिक की सेवा अनिवार्य थी। 10 साल से कम समय के लिए सेवा करने पर अशक्त ग्रेच्युटी दी जाती थी.”
ट्वीट में कहा गया, “उत्तरी सीमाओं से लगे क्षेत्रों में मौजूदा स्थिति के कारण सुरक्षा हालातों और हमारी सीमाओं की रक्षा के लिए सशस्त्र बलों को मजबूत करने की जरूरत को ध्यान में रखते हुये रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में रक्षा खरीद परिषद की एक विशेष बैठक की गई।”
रक्षा मंत्री कार्यालय ने जानकारी दी कि सशस्त्र सेनाओं को किसी भी आपातकालीन जरूरत के लिए 300 करोड़ रूपए तक के रक्षा सौदों के बारे में निर्णय लेने की अनुमति दे दी गई है।