नयी दिल्ली, केन्द्र सरकार ने कहा है कि जिन राज्यों में रैपिड टेस्ट किट भेजी गईं थी और उनसे की जांच के बाद कल एक राज्य में कोरोना मरीजों की रिपाेर्टों में आयी विसंगति को देखते हुए अगले दो दिनों तक सभी राज्यों को इन किटों का इस्तेमाल नहीं करने की सलाह दी गई है।
भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के वैज्ञानिक डॉ रमन आर गंगाखेड़कर ने संवाददाताओं काे बताया कि जिन राज्यों में रैपिड किट वितरित की गईं थी वहां से विसंगति की कुछ रिपोर्टें मिल रहीं थी और कम परिणाम की रिपोर्टें सामने आ रहीं थी। इस बारे में तीन राज्य सरकारों से बात की गई और पता लगा है कि उनमें आरटीपीसीआर नतीजाें में छह से 71 प्रतिशत की विभिन्नताएं आ रहीं थी जिसकी जांच की जानी जरूरी है।
उन्होेंंने कहा कि चूंकि यह बीमारी को देश में आये अभी साढ़े तीन महीने ही हुए हैं और ऐसे में प्राथमिक स्टेज के परीक्षण विभिन्नताएं दिखा रहे हैं। दिल्ली में भी आरटीपीसीआर के नतीजे 71 प्रतिशत पाजिटिव आ रहे हैं लेकिन इनमें काफी भिन्नताएं हैं। इसे देखते हुए आईसीएमआर ने अपने सभी आठ संस्थानों के स्टाफ को फील्ड में जाकर इन किट की खेप से ही परीक्षण करने का काम सौंपा है और इसी की वजह से सभी राज्यों को अगले दो दिनों तक इन किट का इस्तेमाल नहीं करने को कहा है। अगर कोई कमी पाई जाती है तो इन किट की खेप को बदला जाएगा।
उन्होंने बताया कि कोरोना मामलों के सामने आने का डबलिंग टाइम अब बढ़ता जा रहा है और इसे सामाजिक दूरी तथा लॉकडाउन के नियमों का पालन कर इसे काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकता है।
श्री गंगाखेड़कर ने बताया कि अब तक जितने भी टेस्ट हुए हैं, उनके नतीजे दर्शाते हैं कि कोरोना वायरस के लक्षणों वाले मरीजों का प्रतिशत 31 प्रतिशत है और बिना लक्षण वाले मरीजों का प्रतिशत 69 प्रतिशत है और यह भी स्पष्ट है कि जितने मरीजों में कम लक्षण दिखेंगे, उतना ही कम वे जांच के लिए आगे आएंगे। अभी तक केवल एक ही शोध हुआ है जो बताता है कि कोरोना वायरस के 80 प्रतिशत मरीजों में लक्षण बहुत ही कम अथवा हल्के होते हैं और 20 प्रतिशत मरीजों में गंभीर लक्षण होते हैं जिन्हें अस्पताल में जाने की जरूरत होती है। अंत इसे लेकर किसी तरह के भय की गुंजाइश नहीं होनी चाहिए।
उन्होंने बताया कि आज तक देश में कुल चार लाख 49 हजार 810 टेस्ट हुए हैं और इनमे से कल 35852 टेस्ट किए गए थे। आईसीएमआर की 201 प्रयोगशालाओं में 29766 टेस्ट और निजी क्षेत्र की 80 प्रयोगशालाओं में 6076 टेस्ट हुए हैं।