नई दिल्ली, संपूर्ण लॉकडाउन के बाद लोगों को कोरोना वायरस संक्रमण से बड़ी राहत मिल जायेगी।
इससे कोरोना संक्रमण कई सौ गुना कम हो जायेगा।
अमेरिका के मिशिगन विश्वविद्यालय के एक अध्ययन के अनुसार, एक सप्ताह के संपूर्ण लॉकडाउन से कोरोना का संभावित संक्रमण 161 गुना
तक कम हो जाता है। यह यातायात प्रतिबंध लगाने और सोशल क्वारंटाइन के लिये प्रेरित करने जैसे उपायों से कहीं ज्यादा कारगर है।
अध्ययन में कहा गया है कि अगर कड़े प्रतिबंध नहीं उठाए जाएंगे तो देश में अभी जो कुछ सौ कोरोना संक्रमण के मामले हैं,
जो अगले ढाई महीनों में बढ़कर 16 लाख के पार चले जाएंगे। तब इन्हें रोकना असंभव हो जाएगा।
अध्ययन में बताया गया है कि वर्तमान दर के हिसाब से 15 अप्रैल तक कोरोना संक्रमण देश में 4800 तक पहुंच जाएगा।
अगले एक महीने में यानी 15 मई तक 9.15 लाख, एक जून तक 14.60 लाख और 15 जून तक 16.30 लाख को पार कर जाएगा।
इस अध्ययन के आंकड़े अब तक काफी सही साबित हुए हैं। अध्ययन में 17, 18 और 19 मार्च के लिए भारत में 119, 126 और 133 मामलों की
भविष्यवाणी की गई थी। वास्तव में इन तारीखों पर क्रमशः 142, 156 और 194 केस दर्ज हुये।
विशेषज्ञों का मानना है कि तीन सप्ताह का लॉकडाउन कोरोना वायरस के संक्रमण को पूरी तरह निष्प्रभावी कर सकता है।
अध्ययन के अनुसार, यदि कोरोना वायरस को रोकने के लिए कोई उपाय नहीं किए गए तो 15 मई तक प्रति एक लाख आबादी में से 161 लोग
कोरोना के संक्रमण का शिकार बन जाएंगे।
अगर देशभर में इस दौरान यातायात प्रतिबंधित कर दिया जाए तो यह संख्या घटकर प्रति लाख आबादी पर 48 रह जाएगी।
यातायात प्रतिबंध के साथ अगर लोगों को सोशल क्वारंटाइन कर दिया जाए तो भी प्रति लाख 4 लोग इस संक्रमण का शिकार होंगे।
वहीं, एक सप्ताह का संपूर्ण लॉकडाउन कोरोना संक्रमण को एक व्यक्ति प्रति लाख आबादी पर ला सकता है।
जबकि तीन सप्ताह का लॉकडाउन कोरोना वायरस के संक्रमण को पूरी तरह समाप्त कर देगा।
ऐसे बढ़ेंगे मरीज
तारीख संभावित मरीज
15 अप्रैल 4800
15 मई 915000
1 जून 1460000
15 जून 1630000
कौन उपाय कितना कारगर
उपाय संभावित मामले*
कोई उपाय नहीं 161
यातायात प्रतिबंध 48
यातायात प्रतिबंध +सोशल क्वारंटाइन 04
एक हफ्ते का संपूर्ण लॉकडाउन 01
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