नई दिल्ली, भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की हालत बेहद नाज़ुक है. एम्स में उन्हें लाइफ सपोर्ट पर रखा गया है. एम्स की तरफ से जारी मेडिकल बुलेटिन के अनुसार बीते 24 घंटे में उनकी हालात और बिगड़ी है. अटल बिहारी वाजपेयी को किडनी की नली में संक्रमण, छाती में जकड़न, मूत्रनली में संक्रमण आदि के बाद 11 जून को एम्स में भर्ती कराया गया था. मधुमेह पीड़ित 93 वर्षीय भाजपा नेता का एक ही गुर्दा काम करता था. हालांकि, इन सबमें डिमेंशिया से भी अटल बिहारी वाजपेयी सबसे ज्यादा पीड़ित हैं.
पूर्व प्रधानमंत्री एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया की निगरानी में हैं. वाजपेयी की सेहत पर कुछ दिन पहले एम्स की ओर से मेडिकल बुलेटिन जारी किया गया था जिसमें उनकी सेहत स्थिर बताई गई थी.
अटल बिहारी वाजपेयी की हालत बिगड़ने पर बुधवार की शाम को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उन्हें देखने के लिए एम्स पहुंचे थे. साथ ही उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू भी गुरुवार को पुहंचे. उनके अलावा केंद्रीय मंत्री सुरेश प्रभु, जितेंद्र सिंह, अश्विनी चौबे, स्मृति ईरानी, शाहनवाज हुसैन, हर्षवर्धन सहित कई बीजेपी नेता अटल बिहारी वाजपेयी के स्वास्थ्य का हाल जानने के लिए एम्स गए थे. अटल बिहारी वाजपेयी ने प्रधानमंत्री के रूप में तीन बार देश का नेतृत्व किया है. वे पहली बार साल 1996 में 16 मई से 1 जून तक, 19 मार्च 1998 से 26 अप्रैल 1999 तक और फिर 13 अक्टूबर 1999 से 22 मई 2004 तक देश के प्रधानमंत्री रहे हैं.
दरअसल, डिमेंशिया किसी खास बीमारी नहीं, बल्कि एक अवस्था है. डिमेंशिया में इंसान की याददाश्त कमजोर हो जाती है और वह अपने रोजमर्रा के काम भी ठीक से नहीं कर पाता है. डिमेंशिया से पीड़ित लोगों में लघु याददाश्त जैसे लक्षण भी देखने को मिलते हैं.