प्रयागराज, इलाहाबाद उच्च न्यायालय में आठ मई से दो शिफ्टों में अदालतें बैठेगी और एक शिफ्ट में सिविल मुकदमों की तथा दूसरी शिफ्ट में क्रिमिनल मामलों की सुनवाई होगी ।
मुख्य न्यायाधीश गोविंद माथुर की अध्यक्षता में न्यायमूर्तियों की प्रशासनिक समिति की बैठक में आज यहां यह निर्णय लिया गया।
महानिबंधक अजय कुमार श्रीवास्तव ने अधिसूचना जारी कर बताया है कि आठ मई से अपरान्ह साढ़े दस बजे से साढ़े बारह बजे तक पहली शिफ्ट एवं डेढ़ बजे से साढ़े तीन बजे तक दूसरी शिफ्ट चलेगी। आपराधिक एवं सिविल मामलो की सुनवाई खुली अदालत में की जायेगी। नये मुकदमों का दाखिल अब ऑनलाइन के साथ-साथ मैनुअल भी कार्यालय में दाखिल किये जा सकेगे। अब हर दाखिल मुकदमे की सुनवाई होगी। मुकदमों की अतिआवश्यक सुनवाई की अर्जी देने की जरूरत नहीं होगी।
उन्होंने बताया कि यह ट्रायल के तौर पर शुरू किया जा रहा है। जिसमें सोसल डिस्टेन्सिंग के नियमों का पालन करना अनिवार्य है। जिन वकीलो के मुकदमे लगे होगे उन्हें सोसल डिस्टेन्सिंग का पालन करते हुए अदालतों में प्रवेश की अनुमति दी जायेगी। आगे इसमें और सुधार के लिए अलग से निर्देश जारी किए जाएँगे ।
कोरोना वायरस के संक्रमण के फैलाव को रोकने के मद्देनजर देशव्यापी लाॅकडाउन के कारण उच्च न्यायालय में अतिआवश्यक मुकदमों की ही सुनवाई वीडियो कान्फ्रेन्सिंग से की जा रही थी।
अधिवक्ताओं एवं बार संगठनों की मांग के चलते हाईकोर्ट ने खुली अदालत में सुनवाई कर न्याय देने की स्थापित परंपराओं का पालन करने का फैसला लिया है।