कानपुर, उत्तर प्रदेश के कानपुर में घाटमपुर विधानसभा सीट के लिये भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से टिकट न मिलने से आहत पूर्व कबीना मंत्री कमलरानी वरूण की पुत्री स्वप्निल वरूण ने कहा कि क्षेत्र की जनता के लिये मां के अधूरे कामो को पूरा करने का अवसर न देकर पार्टी ने आज उन्हे अनाथ कर दियापूर्व कैबिनेट मंत्री की बेटी ने कहा, आज भाजपा ने भी मुझे अनाथ कर दिया।
पेशे से शिक्षक श्रीमती वरूण ने यूनीवार्ता से विशेष बातचीत में कहा “ मेरी मां भाजपा की समर्पित सिपाही थी। उन्होने तमाम मुश्किलाें के बावजूद तीन दशक से अधिक समय तक पार्टी की निष्काम भाव से सेवा की है। कोरोना संक्रमण की परवाह किये बगैर वह क्षेत्र की जनता की सेवा में लगी रही और अपनी जान तक दे दी। माता पिता के गुजर जाने के बाद भाजपा के नेता श्रद्धाजंलि अर्पित करने घर आये और आश्वासन दिया कि भाजपा मुझे माता पिता दोनो का प्यार देगी और मुझे मां के अधूरे सपनो को पूरा करने का अवसर दिया जायेगा। ”
उन्होने भावुक होते हुये कहा “ मां की राह पर चलने के लिये मै पूरी तरह तैयार थी और जनसंपर्क भी करने लगी थी लेकिन पार्टी के उम्मीदवारों की सूची में अपना नाम न देखकर बहुत मायूसी हुयी। भाजपा ने आज मुझे पूरी तरह अनाथ कर दिया। बुलंदशहर और अमरोहा में भाजपा ने अपने पूर्व विधायकों के परिजनो का ख्याल रखा लेकिन शायद मेरा कोई राजनीतिक बैकग्राउंड नहीं था और न ही पार्टी में मेरी कोई पैरवी करने वाला था। शायद यही वजह रही होगी कि मेरे नाम पर विचार नहीं किया गया। ”
दिवंगत नेता की पुत्री ने कहा कि उनकी मां सिद्धांतों की पक्की थी और उन्होने भाजपा के अलावा किसी और पार्टी की ओर नहीं देखा। उनकी राह पर वह भी चलेंगी लेकिन जीवन में यह कसक हमेशा बनी रहेगी कि उनकी विरासत को वह आगे नहीं बढा सकी।
गौरतलब है कि यूपी में विधानसभा उपचुनाव के लिये भाजपा ने आज सात में से छह उम्मीदवारों की सूची जारी की है। कयास लगाये जा रहे थे कि श्रीमती कमलरानी वरूण की इकलौती पुत्री भाजपा के टिकट की हकदार होगी मगर अप्रत्याशित रूप से उनकी बजाय उपेन्द्र पासवान को टिकट दिया गया है। घाटमपुर क्षेत्र में पार्टी के इस फैसले से भाजपा समर्थकों को झटका लगा है।