जयपुर, कई जिलों में पक्षियों की मौत का सिलसिला जारी है।
राजस्थान के कई जिलों में पक्षियों की मौत का सिलसिला जारी है।राज्य के 15 जिलों में पक्षियों के मौत की जानकारी मिली है। विभाग के अधिकारियों ने 252 पक्षियों की मौत होने के बारे में बताया था। रविवार को विभिन्न जिलों में 170 से अधिक पक्षियों की मौत हो गई।
पशुपालन विभाग के अनुसार रविवार को बीकानेर में 80, सवाईमाधोपुर में 42, कोटा-बांरा में 12-12, पाली-जयपुर में 8-8, दौसा में छह, जोधपुर में पांच और झालवाड में दो पक्षियों की मौत हुई है। पशुपालन विभाग के अनुसार राज्य में 425 से अधिक कौवों, बगुलो और अन्य पक्षियों की हुई है।
झालावाड़ के पक्षियों के नमूनों को जांच के लिये भोपाल के राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशुरोग संस्थान भेजा गया था जिसमें बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई थी जबकि अन्य जिलों के पक्षियों की मौत के नमूनों की जांच के परिणाम अभी तक नहीं मिले हैं।
पशुपालन विभाग के निदेशक डॉ विरेन्द्र सिंह ने बताया, ‘‘राज्य के विभिन्न हिस्सों में अभी तक 425 पक्षियों की मौत हुई है उनमें अधिकतर कौवे हैं। केवल झालावाड़ा में बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई है। अन्य स्थानों में मौत के नमूनों की जांच की रिपोर्ट अभी तक नहीं मिली है।’’
पक्षी विशेषज्ञों का कहना है कि पक्षी ठंड के कारण मर रहे हैं। माइक्रोबायोलॉजिस्ट और राजस्थान यूनिवर्सिटी ऑफ वेटरनरी साइंसेज के पूर्व प्रोफेसर डॉ ए.के. कटारिया ने कहा कि महामारी विज्ञान में मौत के पैटर्न का मूल्यांकन महत्वपूर्ण है और यह सुझाव देता है कि ठंड के कारण मौतें हुई हैं।
उन्होंने कहा कि हालांकि उन्होंने जांच रिपोर्ट नहीं देखी है लेकिन मौतों का पैटर्न ठंड के झटके से मौत का सुझाव देता है क्योंकि एवियन इन्फ्लूएंजा के स्पष्ट लक्षण हैं। डॉ कटारिया ने बताया कि अधिकतर मौत कौवों की हुई है और अभी तक पोल्ट्री पक्षियों की नहीं हुई है।