बिछड़े दादाजी मिले परिवार से, सोशल एक्टिविस्ट ज्योति राजपूत और बृजेंद्र बहादुर मौर्य के प्रयासों से हुआ संभव

बहराइच, मानवता और सेवा की मिसाल पेश करते हुए सोशल एक्टिविस्ट ज्योति राजपूत और बृजेंद्र बहादुर मौर्य ने एक बार फिर बिछड़े बुजुर्ग को उनके परिवार से मिलाने का नेक कार्य किया है।

जानकारी के अनुसार दादाजी मिल्कीराम पुत्र जगदीश, निवासी मड़िहाना चौकी, सरौतापुरवा/नरौरा थाना कैशरगंज, जिला बहराइच अपने घर से सात अगस्त को बिछड़ गए थे। पुलिस ने उन्हें लखनऊ के सरोजिनी नगर स्थित वृद्धाश्रम में आश्रय दिलाया।

इसकी जानकारी जब सोशल एक्टिविस्ट *ज्योति राजपूत* और *बृजेंद्र बहादुर मौर्य* को हुई तो उन्होंने सक्रियता दिखाते हुए सोशल मीडिया का सहारा लिया। बृजेंद्र बहादुर मौर्य ने ट्विटर के माध्यम से जिले के अधिकारियों को सूचित किया और लगातार प्रयास कर दादाजी के परिजनों की तलाश शुरू की।

अंततः उनके अथक प्रयासों से दादाजी के दामाद *सुशील* और बेटी *मीरा देवी* का पता चला। वे वृद्धाश्रम पहुंचे और सभी कागजी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद दादाजी को अपने साथ घर ले गए।

इस नेक कार्य में *स्थानीय पुलिस प्रशासन और सोशल मीडिया का अहम योगदान* रहा। ज्योति राजपूत और बृजेंद्र बहादुर मौर्य के इस मानवीय प्रयास की हर ओर सराहना हो रही है। गौरतलब है कि दोनों एक्टिविस्ट पूर्व में भी कई बिछड़े बुजुर्गों को उनके घर तक पहुंचाने का कार्य कर चुके हैं।

👉 यह उदाहरण बताता है कि अगर *सोशल मीडिया, पुलिस और संवेदनशील लोग मिलकर प्रयास करें तो इंसानियत जिंदा रहती है और बिछड़े अपने अपनों से मिल सकते हैं।*

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