नई दिल्ली- देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी एक मात्र ऐसे व्यक्ति हैं जिनके ऊपर दुनियाभर में सबसे ज्यादा किताबे लिखी गई है और पढी गई है। हमारे नये संसद भवन में जो पहला बिल पारित हुआ था वह नारी शक्ति था जिसे राष्ट्रपति द्रोपदी मूमरू जी ने किया था। मोदी जी जो भी काम करते हैं उसका देश ही नहीं दुनिया में एक मैसेज जाता है। मोदी जी ने नारी सशक्तिकरण के लिए जो काम किया है वह शायद ही किसी ने कभी किया हो। यह बात भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्याम जाजू ने कांस्टीटय़ूशन क्लब में आयोजित कार्यक्रम में कुमार राजीव रंजन सिंह की किताब ‘मोदी की विदेश नीति‘ और ‘महिला सशक्तिकरण‘ पर आयोजित परिचर्चा में कही। इस मौके पर शांभ्वी पीठ के पीठाधिर स्वामी आनंद स्वरूप जी महाराज, पूर्व सांसद प्रोफेसर रीता बहुगुणा जोशी, गुजरात के पूर्व गृह मंत्री नरेश रावल, लेखक कुमार राजीव रंजन सिंह, किताब ‘मोदी की विदेश नीति‘ के संपादक संजय सिंह, ‘महिला सशक्तिकरण‘ किताब के संपादक वरिष्ठ पत्रकार अमित कुमार समेत बड़ी संख्या में विशिष्ट व्यक्ति मौजूद थे। कार्यक्रम का आयोजन आईसीपीआरडी की ओर से किया गया था। पुस्तक का प्रकाशन डायमंड बुक्स ने किया है। इस अवसर पर मोदी की विदेश नीति किताब के अंग्रेजी संस्कार को रिलीज किया गया
श्याम जाजू ने कहा कि ‘‘भारत के नागरिक के पासपोर्ट की आज वैिक स्तर पर एक नई पहचान बनी है। जब हम विदेशों में जाते हैं और लोग यह जान पाते हैं कि हम भारत से हैं, तो उनके देखने का नजरिया बदल जाता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने कार्यकाल में ऐसे प्रभावशाली कार्य किए हैं, जिनके कारण भारत को वि का व्यापक समर्थन प्राप्त हुआ है। मोदी जी ने हमेशा कहा है कि हमारे देश को कोई नीचे न देखे-और आज यह आत्मविास उनकी विदेश नीति के कारण साकार हो रहा है।‘‘ उन्होंने कहा कि ‘मोदी की विदेश नीति’ पुस्तक में लेखक कुमार राजीव रंजन सिंह ने प्रधानमंत्री मोदी की वैिक रणनीतियों और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की बढ़ती साख को विस्तार से प्रस्तुत किया है।
इस मौके पर प्रो. रीता बहुगुणा जोशी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में महिला सशक्तिकरण के लिए उठाए गए कदमों की विस्तार से चर्चा की और बताया कि लेखक ने किस प्रकार इन प्रयासों को सहज, तथ्यपरक और रोचक ढंग से प्रस्तुत किया है। उन्होंने कहा, ‘‘मैंने ‘महिला सशक्तिकरण’ पुस्तक को अत्यंत गंभीरता से पढ़ा है। यह मात्र वर्तमान सरकार की नीतियों और प्रयासों का दस्तावेज़ नहीं है, बल्कि यह अतीत से लेकर आज तक के सशक्तिकरण आंदोलन की गहराई से रूपरेखा खींचती है। यह पुस्तक न केवल जानकारी देती है, बल्कि पाठकों को प्रेरित भी करती है।’’
वरिष्ठ भाजपा नेता नरेश रावल ने भी लेखक को बधाई देते हुए ऐसे ही अन्य विषयों पर कलम चलाने के लिए कहा। शांभवी पीठ के पीठाधीर स्वामी आनंद स्वरूप जी महाराज ने लेखक को बधाई देते हुए भविष्य में विभिन्न सामजिक विषयों पर किताब लिखने को प्रेरित किया है। उन्होंने दोनों ही किताब पर विस्तार से अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि आज मुस्लिम देशों में गीता की पढाई जा रही है। यह हम समातनियों के लिए बड़ी बात है।
कुमार राजीव रंजन सिंह की पुस्तक ‘महिला सशक्तिकरण‘ में बताया गया है कि भारत के चौतरफा विकास में महिलाओं का योगदान अनमोल रहा है। बीते एक दशक में केंद्र सरकार की योजनाओं और कानूनी सुधारों-जैसे निर्भया कानून (2013), हिंदू उत्तराधिकारी अधिकार अधिनियम में संशोधन और तीन तलाक पर रोक-ने महिलाओं को आत्मनिर्भर और आत्मविासी बनाया है। शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और राजनीतिक भागीदारी के क्षेत्र में उठाए गए कदमों से महिलाओं का जीवन स्तर और दृष्टिकोण दोनों बदले हैं। इस मौके पर सभी विशिष्ट व्यक्तियों को सम्मानित किया गया ।