Breaking News

मुख्यमंत्री बनने की होड़ शुरू, जाति बन रही है अहम फैक्टर

देहरादून, विधानसभा चुनाव के परिमामों के आ जाने और मंत्री परिषद की अंतिम बैठक के बाद, मुख्यमंत्री बनने की होड़ शुरू हो गई है। जिसमें जाति अहम फैक्टर बन रही है।

उत्तराखंड में भारतीय जनता पार्टी के दो तिहाई बहुमत से जीतने के बावजूद, मुख्यमंत्री पद के लिए कोई चेहरा निर्धारित नहीं हुआ है। अनुमान है कि जिस तरह पिछले एक साल में पार्टी नेतृत्व ने अकल्पनीय ढंग से यहां तीन-तीन मुख्यमंत्रियों की नियुक्ति की, उसके अनुरूप इस बार भी कोई नया चेहरा सामने आयेगा।
शुक्रवार को निवर्तमान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में मंत्री परिषद की अंतिम बैठक हुई। इसमें शिक्षा मंत्री अरविंद पाण्डे, पर्यटन मंत्री सतपाल रावत उर्फ सतपाल महाराज, गन्ना मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद उपस्थित रहे।
बैठक के बाद श्री धामी ने राज्यपाल गुरमीत सिंह को अपना त्यागपत्र सौंपा। दूसरी ओर, सतपाल महाराज ने आज सुबह ही प्रदेश प्रभारी प्रह्लाद जोशी और राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय से विशेष रूप से मुलाकात की। उनकी इस मुलाकात को उनके मुख्यमंत्री पद की दावेदारी से जोड़कर देखा जा रहा है।
विभिन्न कयासों के मध्य, लगातार 5 वर्षों तक भाजपा सरकार में ठाकुर मुख्यमंत्री बनाये जाते रहने के कारण राज्य के ब्राह्मणों को उचित प्रतिनिधित्व की शिकायत भी है। कांग्रेस ने भी वर्ष 2012 में सरकार बनने पर ब्राह्मण जाति के विजय बहुगुणा को महज ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री बनाया। अंततः ठाकुर जाति के हरीश रावत को मुख्यमंत्री चुना गया था।
इसी परिदृश्य को सामने रख इस बार श्री धामी के स्थान पर पूर्व कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल को मुख्यमंत्री बनाने की मांग जोर पकड़ रही है। श्री उनियाल कांग्रेस से बगावत करके 2016 में भाजपा में शामिल हुए थे।
पार्टी नेतृत्व द्वारा हमेशा नये प्रयोग किये जाने के कारण राज्य में महिला सीएम बनाये जाने के भी कयास हैं। दलित महिला रेखा आर्य द्वारा पिछले 5 वर्ष बेहतरीन काम के कारण वह मुख्यमंत्री पद की दावेदार बताई जा रही हैं।
चुनाव परिणाम आने के बाद पार्टी के राज्य मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन में पार्टी के वरिष्ठ नेता और प्रमुख रणनीतिकार श्री विजयवर्गीय ने कहा, “भाजपा एक परिवार की नहीं, बल्कि सामुहिक विचारों वाली पार्टी है। इस कारण, उन्हें (धामी को) राष्ट्रीय स्तर पर अवसर दिया जायेगा।”

इस बयान के बाद सम्भावना व्यक्त की जा रही है कि श्री धामी को इस वर्ष रिक्त होने वाली पिथौरागढ़ राज्यसभा सीट से प्रत्याशी बनाया जायेगा। नए मुख्यमंत्री के रूप में किसके सिर उत्तराखण्ड का ताज सजेगा, इसकी स्थिति विधायक दल की बैठक के बाद साफ हो जायेगी, लेकिन अभी बैठक की तिथि निर्धारित नहीं हुई है।