नयी दिल्ली, देश में कोरोना संक्रमण की दर दिल्ली में सबसे ज्यादा, वहीं ठीक होने की दर सबसे कम है। यह बात कांग्रेस प्रवक्ता अजय माकन ने आज विशेष संवाददाता सम्मेलन में कही।
कांग्रेस ने कहा है दिल्ली में कोरोना मरीजों की संख्या लगातार बढ़ने से अस्पताल कम पड़ रहे हैं और दिल्ली सरकार कोरोना की इस लड़ाई में फिसड्डी साबित हो रही है जिससे आने वाले समय में संकट और गहरा जाएगा।
कांग्रेस प्रवक्ता अजय माकन ने आज विशेष संवाददाता सम्मेलन में कहा कि दिल्ली में कोरोना किस तरह से पसर रहा है, इसका अनुमान इसी से लगाया जा सकता है कि देश में कोरोना संक्रमण की दर दिल्ली में सबसे ज्यादा है तथा इस महामारी से ठीक होने वालों की दर सबसे कम है। दिल्ली सरकार ने इस महामारी से लड़ने की कोई तैयारी नहीं की है, इसकी पोल दिल्ली के अस्पतालों की स्थिति ने खोल दी है।
उन्होंने कहा कि दिल्ली में कोरोना मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है और डॉ महेश वर्मा कमेटी का अनुमान है कि 15 जुलाई तक राष्ट्रीय राजधानी में एक लाख 90 हजार लोग कोरोना पॉजिटिव होंगे जिनके इलाज के लिए बड़ी संख्या में लोगों को अस्पताल में भर्ती करना पड़ सकता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि इस रफ्तार से बढ़ रहे कोरोना के मामलों को देखते हुए 15 जुलाई तक दिल्ली में 42000 बेड कोरोना मरीजों के लिए चाहिए जबकि फिलहाल सिर्फ 8600 बेड ही उपलब्ध हैं।
श्री माकन ने कहा कि डॉ वर्मा कमेटी का कहना है कि दिल्ली में इस समय कोरोना मरीजों के लिए 1700 वेंटिलेटर बेड होने चाहिए जबकि यह संख्या महज चार सौ है और 15 जुलाई तक ऐसे बेड की संख्या 10500 होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार को बताना चाहिए कि वह इस जरूरत को कैसे पूरा कर पाएगी। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि दिल्ली, तेलंगाना और पश्चिम बंगाल सरकार कोरोना को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के दिशा निर्देशों का पालन नहीं कर रही हैं।