लखनऊ, सामाजिक संस्था बहुजन भारत ने मंगलवार को संस्था मुख्यालय पर संविधान निर्माता बाबा साहब डॉ. भीमराव अम्बेडकर के महानिर्वाण दिवस के अवसर पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया। इस मौके पर संस्था के अध्यक्ष कुंवर फ़तेह बहादुर ने कहा कि आज संविधान निर्माता बाबा साहब के महापरिनिर्वाण दिवस के मौके पर पूरा देश उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित कर रहा है, ऐसे में अबतक केंद्र व राज्य की सभी सरकारों ने भी बाबा साहब डॉ. अम्बेडकर को नमन करते हुए उन्हें केवल अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की, लेकिन संविधान में दलितों, पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यकों के लिए प्रदत्त अधिकारों को इन वर्गों को नहीं दिया, इन वर्गों को संविधान में प्रदत्त अधिकार देना ही बाबा साहब को सही मायने में सच्ची श्रद्धांजलि होगी। संस्था के अध्यक्ष कुंवर फ़तेह बहादुर ने कहा कि मौजूदा समय में संविधान समर्थक ताकतें संविधान की रक्षा करने के लिए संघर्षरत हैं, लेकिन संविधान विरोधी ताकतें इनदिनों संविधान का विरोध करने में जुटीं हैं, इन ताकतों का प्रयास है कि किसी भी तरह से दलितों, पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यकों को संविधान में प्रदत्त अधिकार और उनको मिलने वाली सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक स्वतंत्रता ना मिले, यही वजह है कि ये ताकतें भारतीय संविधान को ख़त्म करके मनुवादी गैर बराबरी वाली सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक व्यवस्था को लागू करना चाहते हैं।
कुंवर फ़तेह बहादुर ने कहा कि बाबा साहब डॉ. भीमराव अम्बेडकर ने संविधान में दलितों के लिए राजनीतिक आरक्षण की व्यवस्था इसलिए की थी, ताकि आरक्षित सीट से लोकसभा और विधानसभाओं में जीतकर जाने वाले दलित वर्ग के प्रतिनिधि दलितों के संवैधानिक अधिकार दिलाने के लिए कार्य करेंगे, लेकिन विभिन्न दलों से आरक्षित सीटों पर जीतकर आने वाले प्रतिनिधि लोकसभा या विधानसभाओं में दलितों के हित की बात ना करके अपने दल के एजेंडे के आधार पर अपनी बात रखते हैं, रही बात सरकारी सेवाओं में दलितों और पिछड़ा वर्ग के आरक्षण की तो सरकार जोर-जोर से नौकरियों में इन वर्गों को आरक्षण देने की बात कहती है, लेकिन मौजूदा समय में अधिकांश सरकारी उपक्रमों को केंद्र सरकार ने निजी हाथों को दे दिया है। निजी क्षेत्रों में आरक्षण की व्यवस्था नहीं है, जो सरकारी विभाग बचे भी हैं उनमें खली पदों को आउटसोर्सिंग पर भरा जा रहा है, इसमें भी आरक्षण की व्यवस्था लागू नहीं है, लिहाजा प्रकारान्तर से सरकार ने सरकारी नौकरियों में दलितों व पिछड़ा वर्गों के लिए आरक्षण की व्यवस्था को निष्प्रभावी कर दिया है। जिसकी वजह से सरकारी सेवाओं में आरक्षण की व्यवस्था अप्रासंगिक हो गयी है।
संस्था के महासचिव चिंतामणि ने कहा कि बाबा साहब ने भारतीय संविधान में शोषित-वंचित समाज को सारे अधिकार दिए, बहुजन समाज के लोगों को अपने अधिकार पाने के लिए संघर्ष करना होगा। इस मौके पर संस्था के उपाध्यक्ष नन्द किशोर, कोषाध्यक्ष रामकुमार गौतम, संयुक्त सचिव कृष्ण कन्हैया पाल (एडवोकेट), नवल किशोर, आरआर जैसवार,, बीडी अहिरवार,, इन्द्र विजय गौतम, अनुराग यादव आदि ने अपने विचार व्यक्त किये।