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सपाइयों ने इस तरह से मनाया अखिलेश यादव का 47वां जन्मदिन

झांसी, समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव का 47वां जन्मदिन बुधवार को सपाइयों ने उत्तर प्रदेश के झांसी में मलिन बस्ती में लोगों को खाद्य सामग्री ,राशन किट और मिठाई बांटकर मनाया।

इस अवसर पर सपा के नवनियुक्त जिलाध्यक्ष महेश कश्यप ने बताया कि पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने वैश्विक महामारी के इस समय में किसी व्यक्तिगत आयोजन की जगह जरूरतमंदों की मदद का आग्रह किया था। पार्टी की ओर से ऐसे आयोजनों में भी जनता को लॉकडाउन का पालन करने और सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखने की सलाह भी दी गयी थी। इसी सलाह को ध्यान में रखते हुए हमारे कार्यकर्ताओं ने गरीब लोगों की मदद का काम अध्यक्ष जी के जन्मदिन पर किया है।

उन्होंने कहा कि इस समय भाजपा सरकार लोगों की जरूरतें पूरा करने में विफल रही है। यह सरकार लोगों के लिए न तो खाने और न ही दवा की व्यवस्था कर पायी। इसकी जगह वर्चुअल रैली कर जनता को पैसा बरबाद किया जा रहा है। वास्तव में यह खर्चुअल रैली है न कि वर्चुअल।
लोगों को समय से न तो राशन मिल रहा और न ही दवा लेकिन उनका कागज पर टीवी पर बयान बहुत अच्छा लगा रहा है । जनता अब जान चुकी है उनके झूठे जुमलों में नही फंसने वाली। आने वाला समय समाजवादी पार्टी का है। भाजपा का असली चेहरा जनता के सामने लाकर और सपा की नीतियों को बता कर हम 2022 में सरकार बनाने जा रहे हैं।

इस अवसर पर जिला पंचायत सदस्य वीरेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि भारत की जा साख दुनिया में थी वह अब नहीं रही है और देशवासियों को प्रगति और विकास के जो सपने दिखाये गये थे वह चकनाचूर हो गये हैं। पिछले पांच साल में जनता ने जीएसटी और नाेटबंदी की यातनाएं झेलीं हैं। जब जनता आशावादी नजरों से सपा की ओर देख रही है। पूर्व महापौर प्रत्याशी राहुल सक्सेना ने कहा कि इस समय देश संकट से जूझ रहा है और इसी को ध्यान में रखते हुए हमने अपने पार्टी अध्यक्ष का जन्मदिन सादगी से मनाया है । इस समय भी हम समाजवादी देश और समाज की सेवा के लिए तत्पर हैं और आगे भी हम इस कार्य को गति देंगे।

हालांकि सपाइयों ने पार्टी की ओर से सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ध्यान रखने की बात कही लेकिन इस कार्यक्रम में पार्टी के ही लोग इन आदेशों के धज्जियां उड़ाते नजर आये। बस्ती में मिठाई बांटते सपाई जहां बिना मास्क के रहे वहीं बस्ती में लोगों का बड़ी संख्या में जमावड़ा नजर आ गया जो सभी मास्क के बिना ही वितरित किये जाने वाले सामान को लेने जुटे थे।