लखनऊ, उत्तर प्रदेश में एक नगर निगम मंदिरों से निकलने वाली पूजा सामग्री के समुचित निस्तारण के लिये अगरबत्ती का संयंत्र स्थापित करेगा।
उत्तर प्रदेश में सहारनपुर नगर निगम मंदिरों से निकलने वाली पूजा सामग्री के समुचित निस्तारण के लिये अगरबत्ती का संयंत्र स्थापित करेगा।
नगरायुक्त ज्ञानेंद्र सिंह ने मातागढ़ स्थित एमआरएफ सेंटर पर पुजारियों और मंदिर प्रबंधकों को संबोधित करते हुए कहा कि मंदिर से निकलने वाले फूल पत्ती और हवन सामग्री कूड़ा घरों या नदी-नालों में फेंकने की बजाय उसका सही उपयोग करने के लिए नगर निगम अगरबत्ती बनाने का एक प्लांट लगायेगा। इसमें मंदिरों में भगवान पर चढ़ाये जाने वाले पुष्प व बेलपत्र आदि से अगरबत्ती बनायी जायेगी।
श्री भूतेश्वर महादेव मंदिर प्रबंध समिति के मंत्री आशु अग्रवाल ने नगर निगम के अभियान में सहयोग का आश्वासन देते हुए कहा कि यदि निगम चाहे तो अगरबत्ती का संयत्र वहां लगाया जा सकता है। बाद में नगरायुक्त ने भूतेश्वर महादेव मंदिर पहुंचकर वहां का स्थलीय निरीक्षण भी किया।
नगरायुक्त ने कहा कि जो पुष्प पत्र भगवान के श्रीचरणों में चढ़ाये जाते हैं उनका उपयोग अगरबत्ती बनाने में किया जा सकता है। इससे एक लाभ ये होगा कि उस पूजा सामग्री का अनादर नहीं होगा, दूसरे उससे नदी आदि जल स्त्रोत प्रदूषित नहीं होंगे तीसरे अगरबत्ती बनाने से जो कचरा बचेगा उसका उपयोग खाद बनाने में हो सकेगा। सहारनपुर इस पहल के साथ शहर को कूड़ा मुक्त करने की दिशा में एक और कदम बढ़ाने का प्रयास कर रहा है।
उन्होंने कहा कि अन्य धार्मिक स्थलों, गिरजाघरों, गुरुद्धारों और मस्जिदों के धर्मगुरुओं का भी सहारनपुर को स्वच्छ करने में सहयोग लिया जायेगा।
उन्होंने सभी धर्मगुरुओं से आह्वान किया कि वे शहर को स्वच्छ बनाने और कूड़ा मुक्त करने के लिए अपने अपने स्तर से अपील करें। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि हमें अपनी सोच और आचरण बदलना पडे़गा। उन्होंने कहा कि कुत्ता पालने वाले लोगों पर भी टैक्स लगाया जायेगा। चूकि कुत्ता पालने वाले लोग भी अपने कुत्तों से सड़कों और गलियों को गंदा कराते हैं। यदि हमारा शहर स्वच्छ रहेगा तो स्वस्थ भी रहेगा, जहां गंदगी होती है वहीं बीमारियां भी होती हैं।
नगर स्वास्थय अधिकारी ए के त्रिपाठी ने कहा कि मंदिरों से निकलने वाली पूजा सामग्री से खाद भी बनायी जा सकती है, और उसी से मंदिर के बगीचों को हरा भरा रख कर फिर वहीं से फूल प्राप्त किये जा सकते हैं। प्रत्येक व्यक्ति समाज और राष्ट्र के बारे में सोचेगा तभी राष्ट्र निर्माण हो सकेगा। राष्ट्र और समाज व्यक्ति ही बनाता है। उन्होंने लोगों से सफाई कर्मियों का सम्मान करने के लिए भी लोगों को प्रेरित किया।