नई दिल्ली, सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार से सवाल पूछा आखिर यूपी पुलिस ने की पीड़िता का सव रातोंरात जलाने की जरूरत क्यों महसूस की। उत्तर प्रदेश सरकार ने सर्वोच्च अदालत से कहा कि उसे ऐसी खुफिया सूचना मिली थी कि अगर शव का अंतिम संस्कार करने के लिए सुबह होने का इंतजार किया जाता तो बड़े पैमाने पर हिंसा भड़क सकती थी।
योगी सरकार ने हाथरस केस में हलफनामा दायर कर सुप्रीम कोर्ट से सीबीआई जांच का निर्देश देने की मांग की। उसने मामले में अब तक हुई जांच का विस्तृत ब्योरा सुप्रीम कोर्ट को सौंपा और दावा किया कि कुछ निहित स्वार्थ वाली ताकतें निष्पक्ष न्याय के रास्ते में रोड़ा अटका रही हैं।
ध्यान रहे कि यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का नोटिस मिलने का इंतजार किए बिना ही अपनी तरफ से ऐफिडेविट फाइल कर दिया। उसने कहा कि हाथरस कांड के बहाने राज्य सरकार को बदनाम करने के उद्देश्य से सोशल मीडिया, टीवी और प्रिंट मीडिया पर आक्रामक अभियान चलाए गए। उसने कहा, ‘चूंकि यह मामला पूरे देश के आकर्षण के केंद्र में आ गया है, इसलिए इसकी केंद्रीय एजेंसी से जांच होनी चाहिए।’ उसने सुप्रीम कोर्ट से सीबीआई जांच की निगरानी करने का भी आग्रह किया।
योगी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि वह सीबीआई जांच की सिफारिश कर चुकी है ताकि निहित स्वार्थों की ओर से फैलाए जा रहे झूठ और प्रपंच से पर्दा उठ सके। कोर्ट आज इस मामले में एक याचिका पर सुनवाई करने जा रहा है।