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अयोध्या फैसले के इंतजार की घडियां समाप्त, ये जज सुनायेंगे फैसला

नई दिल्ली,  ऐतिहासिक राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के इंतजार की घडियां अब समाप्त हो गईं हैं.

 शनिवार को सुबह 10:30 बजे सुप्रीम कोर्ट फैसला सुनाएगा.

अयोध्या मामले के फैसले के मद्देनजर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों को सतर्क रहने की हिदायत दी है.

सुप्रीम कोर्ट की ओर से इस ऐतिहासिक मामले में पहले मध्यस्थता का रास्ता अपनाने को कहा गया था, लेकिन ये सफल नहीं हो सका था.

इसी के बाद 6 अगस्त से सुप्रीम कोर्ट में 40 दिनों तक इस मामले की रोजाना सुनवाई चलती रही, अदालत ने हफ्ते में पांच दिन इस मामले को सुना.

आखिरी कुछ दिनों में सुनवाई का वक्त एक घंटे के लिए बढ़ा दिया गया था.

 40 दिन की बहस के बाद सुनवाई पूरी हो गई है और अब पूरा देश फैसले पर नज़रें गड़ाए हुए है.

चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अगुवाई में पांच जजों की संविधान पीठ ने इस मामले को सुना और अब यही पीठ ऐतिहासिक फैसला सुनाने जा

रही है.

1. जस्टिस रंजन गोगोई, चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया

चीफ जस्टिस रंजन गोगोई इस पीठ को लीड कर रहे हैं. चीफ जस्टिस के तौर पर अपने कार्यकाल में रंजन गोगोई ने कई ऐतिहासिक मामलों को सुना है, जिसमें अयोध्या केस, एनआरसी, जम्मू-कश्मीर पर याचिकाएं शामिल हैं. उन्होंने 3 अक्टूबर 2018 को बतौर मुख्य न्यायधीश पदभार ग्रहण किया था.

2. जस्टिस शरद अरविंद बोबड़े (एस.ए. बोबड़े)

इस पीठ में दूसरे जज जस्टिस एस. ए. बोबड़े हैं. चीफ जस्टिस रंजन गोगोई के 17 नवंबर को रिटायर होने पर जस्टिस एस. ए. बोबड़े ही सुप्रीम कोर्ट के अगले चीफ जस्टिस होंगे. जस्टिस एस. ए. बोबड़े 23 अप्रैल, 2021 को रिटायर होंगे.

3. जस्टिस धनंजय यशवंत चंद्रचूड़

जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने 13 मई 2016 को सुप्रीम कोर्ट के जज का पदभार संभाला था. जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ सुप्रीम कोर्ट में आने से पहले इलाहाबाद हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस रह चुके हैं. वहीं बॉम्बे हाई कोर्ट में भी वह बतौर जज रह चुके हैं.वह सबरीमाला, भीमा कोरेगांव, समलैंगिकता समेत कई बड़े मामलों में पीठ का हिस्सा रह चुके हैं. बतौर जज नियुक्त होने से पहले वह देश के एडिशनल सॉलिसिटर जनरल रह चुके हैं.

4. जस्टिस अशोक भूषण

 जस्टिस अशोक भूषण का जन्म उत्तर प्रदेश के जौनपुर में हुआ था. 2014 में आप केरल हाई कोर्ट के जज नियुक्त हुए और 2015 में चीफ जस्टिस बने. 13 मई 2016 को उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के जज के रूप में कार्यभार संभाला.

5. जस्टिस अब्दुल नज़ीर

अयोध्या मामले की बेंच में शामिल जस्टिस अब्दुल नज़ीर ने 1983 में वकालत की शुरुआत की. उन्होंने कर्नाटक हाई कोर्ट में प्रैक्टिस की, बाद में वहां बतौर एडिशनल जज और परमानेंट जज कार्य किया. 17 फरवरी, 2017 को उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में बतौर जज कार्यभार संभाला.