लखनऊ , दुनिया का सबसे बड़ा मास्क यूपी मे बनाया जायेगा और इसका उपयोग भी किया जायेगा। यह बात अपर मुख्य सचिव खादी एवं ग्रामोद्योग डा नवनीत सहगल ने कही।
उन्होंने कहा कि खादी के कपड़े से न केवल दुनिया का सबसे बड़ा मास्क बनाया जायेगा। बल्कि हाट एअर बैलून से इसका डिस्प्ले करके यह संदेश दिया जायेगा कि सभी को मिलकर कोरोना से लड़ना है और इसे हराना है। कोविड-19 के खिलाफ जंग में कटिबद्धता का इजहार करते हुये उत्तर प्रदेश का खादी एवं ग्रामोद्योग विभाग खादी के कपड़े से दुनिया का सबसे बड़ा मास्क बनाने में अपना सहयोग प्रदान किया।
डा सहगल ने खादी भवन, लखनऊ में ओड्रा फाउंडेशन द्वारा आयोजित विश्व के सबसे बड़े मास्क के लिए खादी फैब्रिक हैण्डओवर सेरेमनी में मास्क तैयार कराने वाले फैशन डिजाइनर मनीष त्रिपाठी को प्रदेश के सभी 75 जिलों से प्राप्त दो-दो मीटर खादी का कपड़ा सौंपा। मनीष त्रिपाठी विश्व का सबसे बड़ा खादी मास्क तैयार कर रहे हैं। इसके लिए वे अलग-अलग राज्याें से फैब्रिक एकत्र कर रहे है। एकत्र किये गये कपड़े से 150 वर्ग मीटर के आकार का मास्क बनाकर विश्व रिकार्ड बनाने की तैयारी की जा रही है। इसी कड़ी में आज खादी वस्त्र हस्तांतरण सेरेमनी का आयोजन किया गया। इस अवसर अपर मुख्य सचिव ने खादी एवं ग्रामोद्योग से जुड़ी और खादी मास्क बनाने का काम करने वाली महिलाओं को प्रशस्ति-पत्र देकर सम्मानित भी किया।
अपर मुख्य सचिव ने कहा कि उत्तर प्रदेश में खादी और हथकरघा की समृद्ध विरासत है और भारत की स्वतंत्रता से पहले भी महात्मा गांधी जी ने स्वदेशी उत्पादों के उपयोग पर विशेष बल दिया था। स्वदेशी को बढ़ावा देने के लिए खादी को दिनचर्या का हिस्सा बनाना चाहिए। खादी एवं ग्रामोद्योग से प्रदेश के लाखों लोगों की रोजी-रोटी जुड़ी है।
उन्होंने कहा कि खादी की लोकप्रियता को और अधिक बढ़ाने के लिए खादी को फैशन से जोड़ा जा रहा है। कोरोना महामारी की स्थिति सामान्य होने पर अगले माह जनवरी में वृहद खादी वस्त्रों की प्रदर्शनी का आयोजन किया जायेगा। इसमें रीना ढाका, रितु बेरी, मनीष मल्होत्रा सहित मशहूर फैशन डिजाइनर्स द्वारा तैयार किये खादी वस्त्रों का डिस्प्ले होगा। खादी को बढ़ावा मिलने से वृहद स्तर पर रोजगार का सृजन भी होगा।
अपर मुख्य सचिव खादी एवं ग्रामोद्योग डा नवनीत सहगल ने प्रदेशवासियों से अपील करते हुए कहा कि कोविड-19 की जब तक वैक्सीन नहीं आ जाती तब तक किसी प्रकार ढिलाई नहीं बरतनी चाहिए। वैक्सीन आने के बाद भी मास्क की आवश्यकता कम नहीं होगी। इस महामारी में मास्क हमारे जीवन का एक आवश्यक हिस्सा बन गया है और कोरोना वायरस को रोकने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।