नयी दिल्ली, देश में इस समय दमन-दीव, सिक्किम, नागालैंड और लक्षद्वीप में कोरोना वायरस का अभी एक भी मामला सामने नहीं आया है और नौ राज्य और केन्द्र शासित प्रदेश ऐसे हैं जिनमें पिछले 24 घंटों में कोरोना वायरस का एक भी मामला सामने नहीं आया है। इनमें अंडमान-निकोबार द्वीप समूह, अरुणाचल प्रदेश, दादरा नागर हवेली, गोवा, छत्तीसगढ़, लद्दाख,मणिपुर, मेघालय, मिजोरम हैं।
केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने कोरोना वायरस के संक्रमण को लेकर पंजाब सरकार की तैयारियों की आज एक उच्च स्तरीय वीडियो कांफ्रेंसिंग समीक्षा बैठक में यह जानकारी दी।
कोरोना वायरस संक्रमण प्रभावित रेड जोन और उच्च प्राथमिकता वाले जिलों को लेकर इन दिनों वह नियमित तौर पर सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेश के मंत्रियों और अधिकारियों के साथ बातचीत कर स्थिति का जायजा ले रहे हैं। इस बैठक में स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी चौबे ,पंजाब के स्वास्थ्य राज्य मंत्री बलबीर सिंह सिद्दू तथा अन्य अधिकारी शामिल हुए।
डॉ हर्षवर्धन ने बताया कि 13 मई तक देश में कोरोना वायरस के कुल 74,281 मामले सामने आए हैं और इनमें से 24,386 मरीज ठीक हो चुके हैं और अब तक 2415 लोगों की मौत हो चुकी है। पिछले 24 घंटों में 3,525 नए पुष्ट मामले देखे गये हैं और पिछले 14 दिनों में कोरोना मामलों के दुगना होने की जो दर 11 दिन थी अब वह बढ़कर पिछले तीन दिनों में 12़ 6 दिन हो गई है।
देश में इस समय मृत्यु दर 3़ 2 प्रतिशत है और मरीजों के ठीक होने की दर बढ़कर 32़ 8 प्रतिशत हो गई है। उन्होंने बताया कि कल तक 2़ 75 प्रतिशत कोरोना मरीजों को आईसीयू में रखा गया था और 0़ 37 प्रतिशत मरीज वेंटीलेटर पर थे तथा 1़ 89 प्रतिशत मरीज ऑक्सीजन सपोर्ट पर थे।
उन्होंने बताया कि इस समय देश में मरीजों की जांच करने की प्रतिदिन क्षमता बढ़कर एक लाख हो गई है और इस काम में 352 सरकारी तथा 140 निजी क्षेत्र की प्रयोगशालाएं जुटी हैं। अभी तक कुल 18,56,477 टेस्ट हो चुके हैं और कल 94708 नमूनों की जांच की गई थी। स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि इस समय देश में नौ राज्य और केन्द्र शासित प्रदेश ऐसे हैं जिनमें पिछले 24 घंटों में कोरोना वायरस का एक भी मामला सामने नहीं आया है।
डा़ हर्षवर्धन ने बताया कि अभी तक देश में 900 कोविड समर्पित अस्पताल हैं जिनमें 1,79,882 बिस्तरों(आइसोलेशन बिस्तर 1,60,610 और आईसीयू 19,272) की सुविधा है । इसके अलावा 2040 कोविड डेडिकेटिड हेल्थ सेंटर हैं जिनमें 1,29,689 बिस्तर(आइसोशन बिस्तर 1,19,340 और आईसीयू 10,349) हैं।
इसके अलावा 8708 क्वारंटीन सेंटर और 5,577 कोविड केयर सेंटर है जहां 4,93,101 बिस्तरों की सुविधा है ताकि कोविड संक्रमण का जमकर मुकाबला किया जा सके। इसके अलावा केन्द्र सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों को अब तक 78.42 लाख एन95 मॉस्क और 42.18 लाख पीपीई किट को वितरित किया गया है।
इस दौरान नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (एनसीडीसी) के निदेशक डा एस के सिंह ने राज्य में कोविड मामलों और इसके प्रबंधन को लेकर एक संक्षिप्त प्रस्तुतीकरण भी दिया। पंजाब में अभी तक 22 जिले कोविड संक्रमण की चपेट में हैं और यहां 1913 मामले सामने आए हैं ।
राज्य के तीन जिले लुधियाना, जालंधर और पटियाला रेड जोन में हैं और 15 अन्य जिले ओेरेंज जोन में हैं। राज्य में कुल 43,999 नमूनों की जांच की जा चुकी है और इसकी पाजिटिव दर 4़ 3 प्रतिशत ही है । नांदेड हजूर साहिब से 4216 लोग यहां आए हैं और इनमें से 1225 मामले पाजिटिव पाए गए हैं। अब राज्य से समक्ष सबसे बड़ी चुनौती उन लोगों को लेकर भी है जो प्रवासी श्रमकों के तौर पर अन्य राज्यों में काम कर रहे थे।
डा़ हर्षवर्धन ने श्री सिद्दू और लुधियाना,अमृसर, पटियाला तथा जालंधर के जिलाधिकारियों से बातचीत उनकी कोरोना संबंधी तैयारियों के बारे में विस्तृत जानकारी हासिल की और प्रभावित क्षेत्रों में उठाए जा रहे कदमों, कांटेक्ट ट्रेसिंग, कंटेनमेंट क्षेत्र में सभी लोगों की जांच, आवश्यक वस्तुओं की होम डिलीवरी तथा अन्य सेवाओं के लिए प्रशासन की तारीफ की।
उन्होंने कहा कि पंजाब आयुष्मान भारत – हेल्थ और वेलनेस सेंटरों का बेहतर तरीके से संचालन कर रहा है और इनका इस्तेमाल मधुमेह, उच्च रक्तचाप और तीन प्रकार के सामान्य कैंसर( मुंह, स्तन और गर्भाशय ग्रीवा) और सामुदायिक स्तर पर प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं के लिए किया जा सकता है।
डॉ हर्षवर्धन ने कहा कि टेस्टिंग सुविधाओं, सर्विलांस, संपर्क सूत्रों की तलाश और स्वास्थ्य के आधारभूत ढांचे में सुधार करके कोरोना वायरस से जीता जा सकता है और समय रहते भारत ने जो तैयारियां की थी उनकी बदौलत भारत किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए पूरी तरह तैयार है।
उन्होंने कहा कि दूसरे राज्यों और विदेशों से आने वाले लोगों तथा प्रवासियों को लेकर विशेष सावधानी बरतनी होगी और सभी को अपना यह स्तर बनाये रखने के लिए अब देश के अन्य हिस्सों से आने वाले प्रवासी श्रमिकों, छात्रों और विदेशों से आने वाले लोगों की पूर्ण जांच और होम अथवा संस्थागत क्वारंटीन को सुनिश्चित करने पर ध्यान देना होगा।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि कुछ राज्यों ने इस दिशा में बेहतर काम किया है और अन्य राज्यों को अपने यहां प्रभावी सर्विलांस, कांटेक्ट ट्रेसिंग, घर-घर में मरीजों का सर्वेक्षण और ऐसे मामलों का जल्द पता लगाने पर ध्यान देना है। इसके अलावा जिन जिलों में कोई भी मामला सामने नहीं आया है अथवा 14 दिनों से कोरोना वायरस के मामले नहीं देखे गये हैं उनमें सीवियर एक्यूट रेस्पिरेट्री इलनेस और इंफ्लूएंजा जैसे मामलों का पता लगाने के लिए सघन सर्विलांस पर ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि लोगों को आरोग्य सेतु एप डाउनलोड करने, कांटेक्ट ट्रेसिंग और सविलांस में सहयोग करने के लिए प्रेरित किया जाना चाहिए।
डॉ हर्षवर्धन ने कहा कि इस समय कोरोना वायरस का प्रकोप है जिसे देखते हुए कोरोना की जांच तथा उपचार कोविड समर्पित अस्पतालों में उपलब्ध है लेकिन अन्य मरीजों के लिए आवश्यक स्वास्थ्य सुविधाओं की भी उपेक्षा नहीं होनी चाहिए और इनमें गर्भवती महिलाओं की जांच, उनके सुरक्षित प्रसव, जच्चा-बच्चा देखभाल, तपेदिक के मरीजों की जांच और उपचार, कैंसर मरीजों का इलाज, गुर्दों और दिल की बीमारियों तथा डायलिसिस जैसी सुविधाएं भी मरीजों को दी जानी आवश्यक हैं। यह मौसम वाहक जनित रोगों के लिए अनुकूल है अत: उनके नियंत्रण पर भी ध्यान दिया जाना है। राज्यों को यह भी जानकारी दी गई है कि हेल्पलाइन 104 के अलावा 1075 का इस्तेमाल गैर कोविड सेवाओं में आ रही परेशानियों का निपटारा करने में किया जा सकता है।
पंजाब के स्वास्थ्य राज्य मंत्री ने बताया कि पंजाब में लॉकडाउन के दौरान भी अस्पतालों में ओपीडी सेवाएं पहले की तरह जारी रही और गैर कोविड स्वास्थ्य सेवाएं किसी भी रूप में प्रभावित नहीं हुई है। घर घर जाकर 6,58,000 लोगों की जांच की गई है और पंजाब ने अपना खुद का डैशबोर्ड बनाया है जिसका इस्तेमाल उभरते हाटस्पाट क्षेत्रों के बारे में लोगों को जानकारी देना है। उन्होंने यह भी कहा कि हजूर नांदेड साहिब से जितने लोग आए हैं उन सभी की जांच की गई है और उन्हें परीक्षण के बाद क्वारंटीन में रखा गया है ताकि वे लोग सामान्य आबादी से नहीं मिल सकें और इस तरह संक्रमण को फैलने से रोके जाने की रणनीति अपनाई जा रही है।
इस दौरान यह जानकारी भी दी गई कि पंजाब में जितनें लोगों की मौत हुई है उनमें मरीजों को अन्य बीमारियां भी थी और यहां जितने परीक्षण किए गए हैं उनमें 85 प्रतिशत से अधिक लोगों को कोरोना के कोई लक्षण नहीं थे । इन्हें चिकित्सा भाषा में ‘असिम्टोमैटिक ’ कहा जाता है।