लखनऊ, उत्तर प्रदेश सरकार ने मंगलवार को प्रदेश के 16 लाख कर्मचारियों को मिलने वाले 6 भत्तों को खत्म कर दिया है. सोमवार को कैबिनेट बाइसर्कुलेशन में इन भत्तों को खत्म करने का निर्णय लिया गया था और मंगलवार को अपर मुख्य सचिव (वित्त) संजीव मित्तल ने इसका आदेश जारी कर दिया.
24 अप्रैल को उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने कहा था कि कोरोना वायरस संक्रमण के मद्देनजर राजस्व में आई है. जिसके चलते राज्य सरकार ने कहा था कि वह केन्द्र सरकार की तर्ज पर राज्य के 16 लाख कर्मचारियों को एक जनवरी 2020 से 30 जून 2021 तक यानी डेढ़ साल तक महंगाई भत्ते और महंगाई राहत की अतिरिक्त किश्तों का भुगतान नहीं करेगी. लेकिन अब कोरोना वायरस के चलते बने आर्थिक संकट को देखते हुए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने सरकारी कर्मचारियों को मिलने वाले 6 तरह के भत्तों को हमेशा के लिए समाप्त करने का फैसला लिया है मंगलवार को इससे संबंधित आदेश भी जारी कर दिया गया. सरकार के इस फैसले से राज्य के 16 लाख कर्मचारियों को झटका लगा है.
सरकार ने आदेश जारी कर नगर प्रतिकार, सचिवालय भत्ता, पीडब्लूडी के कर्मचारियों को मिलने वाले भत्ते, अवर अभियंताओं को मिलने वाले भत्तों को हमेशा के लिए समाप्त कर दिया. सरकार के इस फैसले से राज्य के कर्मचारियों में असंतोष का माहौल है. इन छह प्रकार के भत्तों को खत्म करने से सरकार को एक साल में तकरीबन 1500 करोड़ रुपये की बचत होने का अनुमान है.
ये 6 भत्ते हुए समाप्त–
- राज्य के कर्मचारी, शिक्षक और पुलिस विभाग को मिलने वाला सचिवालय भत्ता
- नगर प्रतिकर भत्ता और अवर अभियंताओं का विशेष भत्ता
- पुलिस विभाग के अपराध शाखा, अपराध अनुसंधान विभाग (सीबीसीआइडी), भ्रष्टाचार निवारण संगठन, आर्थिक अपराध अनुसंधान विभाग, सतर्कता अधिष्ठान, अभिसूचना विभाग, सुरक्षा शाखा और विशेष जांच शाखा में तैनात अधिकारियों और कर्मचारियों को स्वीकृत विशेष वेतन भत्ता
- लोक निर्माण विभाग में तैनात अधिकारियों व कर्मचारियों को मिलने वाला रिसर्च भत्ता
- अर्दली भत्ता और डिजाइन भत्ता
- सिंचाई विभाग में तैनात अधिकारियों और कर्मचारियों को मिलने वाला इन्वेस्टीगेशन एंड प्लानिंग और अर्दली भत्ता
पहले इन भत्तों का भुगतान 1 अप्रैल 2020 से 31 मार्च 2021 तक स्थगित करने का आदेश जारी किया गया था. अब इन भत्तों को समाप्त करने का फैसला लिया गया है. यूपी सरकार के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना के अनुसार सरकार ने उन्हीं भत्तों को समाप्त किया है, जिन्हें खत्म करने की सिफारिशें छठे वेतन आयोग में की गई थीं. इन भत्तों को केंद्र सरकार ने भी समाप्त किया है. उन्होंने बताया कि कि अप्रैल के महीने में बीते साल 12,141 करोड़ राजस्व के मुकाबले महज 1,178 करोड़ राजस्व खजाने में आया.