एनएचआरएम घोटाले में ये आरोपी अधिकारी हुए गिरफ्तार…
January 4, 2019
लखनऊ, यूपी की मेरठ पुलिस को एक बड़ी कामयाबी हाथ लगी है. पुलिस ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHRM) घोटाले के अभियुक्त रिटायर पीसीएस अधिकारी (पूर्व सहायक आवास आयुक्त) वीके चौधरी को लखनऊ में गोमती नगर स्थित आवास से अरेस्ट किया है.
क्राइम इंस्पेक्टर इन्द्रपाल सिंह ने स्थानीय पुलिस के साथ मिलकर वीके चौधरी को लखनऊ के गोमतीनगर से गिरफ्तार किया. आरोप है कि वीके चौधरी 2004 में उप आवास आयुक्त के पद पर रहते हुए इंद्रप्रस्थ एस्टेट सहकारी आवास समिति लिमिटेड मेरठ की 52 एकड़ भूमि पर भूमाफियाओं से सांठ-गांठ कर समिति को हाईजैक कराकर लगभग 250-300 करोड़ रुपयों का घोटाला किया.
इस घोटाले में तत्कालीन सहकारी अधिकारी आवास (मेरठ) राज कुमार की भी संलिप्तता का आरोप है. इस आवास समिति पर भूमाफिया सत्यपाल सिंह देशवाल, राजमोहन, आरपीएस चौधरी कब्जा कराने के उद्देशय से साल 2004 में तत्कालीन सहकारी अधिकारी आवास मेरठ राज कुमार के साथ मिलीभगत कर षडयंत्र रचा.
इसके बाद योजनाबद्ध तरीके से इस आवास समिति का फेक रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट बनाकर जारी कर दिया. जबकि 18 मार्च 1985 में इस समिति का संख्या 914 पर रजिस्ट्रेशन हुआ था. उत्तर प्रदेश सहकारी समिति अधिनियम 1965 की धारा 8(1) के अंतर्गत ओमकार यादव सहायक आवास आयुक्त/ सहायक रजिस्ट्रार द्वारा इस समिति का रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट जारी किया गया, जो इसी धारा में दिये गए प्राविधान के अंतर्गत रजिस्ट्रेशन निरस्त होने तक वैध है.
इस संबंध मं तत्कालीन मंडलायुक्त, मेरठ डॉ प्रभात कुमार ने एक जांच कराई जिसमें भी इसके अपराध की पुष्टि हुई. इस मामले में वर्ष 2015 में मेरठ के पल्लवपुरम में न्यायालय के आदेश पर एफआइआर दर्ज की गई थी. बता दें, एचआरएम घोटाले में अभियुक्त वीके चौधरी पर इस मामले में 9 एफआइआर पहले से ही दर्ज हैं.