लखनऊ, कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के मद्देनजर घोषणापत्र समिति समेत कुल सात समितियों का गठन किया है जिनमें राज्य से जुड़े पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं को शामिल किया गया है।
पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल की ओर से रविवार को जारी बयान के मुताबिक, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने उप्र के लिए घोषणापत्र समिति, संपर्क समिति (आउटरीच कमेटी), सदस्यता समिति, कार्यक्रम क्रियान्वयन समिति, प्रशिक्षण एवं कैडर विकास समिति, पंचायती राज चुनाव समिति और मीडिया एवं संचार परामर्श समिति के गठन को स्वीकृति प्रदान की।
उल्लेखनीय है कि कांग्रेस में संगठनात्मक बदलाव को लेकर सोनिया गांधी को पत्र लिखने वाले 23 नेताओं में शामिल पूर्व केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद इनमें से किसी भी समिति में शामिल नहीं हैं। दूसरी तरफ, कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष निर्मल खत्री और पूर्व एमएलसी नसीब पठान जैसे उन नेताओं को इन समितियों में जगह मिली हैं जिन्होंने गुलाम नबी आजाद समेत पत्र लिखने वाले 23 नेताओं पर निशाना साधा था।
खत्री को प्रशिक्षण एवं कैडर विकास समिति तथा नसीब पठान को कार्यक्रम क्रियान्वयन समिति में स्थान मिला है। पार्टी के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद और पीएल पुनिया को घोषणापत्र में जगह दी गई है।
इसके अलावा प्रमोद तिवारी को संपर्क समिति, अनुग्रह नारायण सिंह को सदस्यता समिति, नूर बानो को कार्यक्रम क्रियान्वयन समिति, राजेश मिश्रा को पंचायती राज समिति और राशिद अलवी को मीडिया एवं संचार परामर्श समिति में शामिल किया गया है। प्रदेश से संबंधित कांग्रेस के कई अन्य नेताओं को भी इन सात समितियों में शामिल किया गया है।
कांग्रेस में बदलाव के साथ अध्यक्ष पद के लिए चुनाव कराने की मांग के पक्ष में पत्र लिखने वाले 23 नेताओं पर पार्टी हाईकमान के तेवर ढीले पड़ने के कोई संकेत नहीं हैं। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस की घोषित समितियों में पूर्व केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद और राजबब्बर को जगह नहीं दिया जाना इसका साफ सबूत है। चुनाव से जुड़ी सात अहम समितियों का कांग्रेस ने रविवार को एलान किया मगर इसमें से किसी में भी जितिन और राजबब्बर को नहीं रखा गया है।