लखनऊ, पराली जलाने की घटनाओं को रोकने में महती भूमिका निभाने के लिए सरकार ने जिलाधिकारी को चौधरी चरण सिंह किसान सम्मान से अलंकृत किया है।
उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले में पराली जलाने की घटनाओं को रोकने में महती भूमिका निभाने के लिए सरकार ने मथुरा के जिलाधिकारी सर्वज्ञ राम मिश्र को चौधरी चरण सिंह किसान सम्मान से अलंकृत किया है।
जिलाधिकारी मिश्र ने कहा कि यह सम्मान उनका न होकर उन सभी अधिकारियों, कर्मचारियों, किसानों एवं सामान्य जन का है जिन्हेांने पराली जलाने की घटनाओं को रोकने में प्रशासन को सहयोग दिया जिसके कारण पराली जलाने की घटनाओ में उल्लेखनीय कमी आई है।
उन्होंने बताया कि सन 2018 में जहां पराली जलाने की कुल 1049 घटनाए थीं वहीं गत वर्ष ये घटकर 464 ही रह गईं जब कि इस वर्ष ये घटनाएं घटकर मात्र 151 रह गईं। इस वर्ष राजस्व एवं कृषि विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने पूरी निष्ठा से पराली जलाने की घटनाओं को रोकने का प्रयास किया।
श्री मिश्र ने बताया कि जिले में पराली जलाने की घटनाओं को रोकने के लिए पहले ही व्यूह रचना तैयार कर ली गई थी जिसमें जहां किसानों को पराली के खाद बनाने जैसे वैकल्पिक उपयोग के बारे में समझाया गया वहीं हर गांव में युवाओं की ऐसी टीम तैयार की गई जो इस प्रकार की घटनाओं की न केवल सूचना दें बल्कि संबंधित किसान को समझाकर पराली जलाने से रोकें।
उन्होने बताया कि नगर पंचायत द्वारा रोटावेटर उपलब्ध कराना, कृषि विभाग द्वारा पराली को गोशालाओं में भेजने के लिए प्रोत्साहित करना, कम्बाइन हार्वेस्टर में सुपर स्ट्रा मैनेजमेन्ट सिस्टम अथवा स्ट्रा रीपर लगवाना सुनिश्चित करना आदि कई व्यवस्थाएं पराली जलाने से रोकने के लिए की गईं। इसके अलावा किसान के खेत से पराली उठाने में निजी लोगों का भी सहयोग लिया गया जिसमें आनन्द बाबा प्रमुख हैं। इस बार पराली को गोशालाओं में भेजकर चारे के रूप में प्रयोग कराकर किसानों को एक और विकल्प दिया गया।
जिलाधिकारी ने बताया कि लगभग 70,000 मीट्रिक टन पराली को इस वर्ष गोशालाओं में भेजा गया । उनका कहना था कि पराली जलाने की घटनाओं को रोकने के कारण ही इस बार मथुरा का वातावरण प्रद्यूषित होने से रोका जा सका।