लखनऊ , उत्तर प्रदेश के जाबांज पुलिस अधिकारियों की फेहरिस्त में शुमार पुलिस उप महानिरीक्षक विजय भूषण समेत 23 जवानो और अधिकारियों को 15 अगस्त के मौके पर राष्ट्रपति पुलिस पदक से नवाजा जायेगा।
राष्ट्रपति पुलिस पदक का सम्मान पाने वालों में अपर पुलिस महानिदेशक कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार, अपर पुलिस महानिदेशक 112 असीम अरुण, पुलिस उप महानिरीक्षक विजय भूषण, आईपीएस अरविंद चतुर्वेदी और अभिषेक यादव को गैलेंट्री मेडल, एटीएस में एडिशनल एसपी रहे राजेश साहनी को मरणोपरांत गैलेंट्री मेडल मिलेगा।
पुलिस महकमे में तेजतर्रार और जाबांज अधिकारी माने जाने वाले विजय भूषण को पांचवी बार गैलेंट्री अवार्ड से नवाजा जायेगा। मूलरूप से इलाहाबाद के निवासी विजय भूषण ने बुलंदशहर, नोएडा, गाजियाबाद मुरादाबाद बनारस और लखनऊ में अपने कार्यकाल के दौरान अपराधियों में खौफ पैदा किया। प्रमोशन पाकर 2002 बैच के आईपीएस अधिकारी बने विजय भूषण को महाकुंभ 2012 का पुलिस अधीक्षक बनाया गया था।
गाजियाबाद में पुलिस अधीक्षक नगर रहने के दौरान उन्होने कई मुठभेड़ों को अंजाम दिया। इनमे आईसीआईसीआई बैंक की बड़ी मुठभेड़ के अलावा नोएडा के सेक्टर 16 में हुई एक मुठभेड़ शामिल है। उनकी इस उपलब्धि पर तत्कालीन मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी ने उनको सम्मानित भी किया था। अपने कार्यकाल के दौरान विजय भूषण 2010 में बनारस पहुंचे और वहां के पुलिस अधीक्षक नगर रहते हुए डेढ़ लाख के इनामी बदमाश किट्टू और 50000 के इनामी विनोद का एनकाउंटर किया।
शहीद कांस्टेबल एकांत यादव को पुलिस का वीरता पदक, कृष्णानंद राय हत्याकांड में शामिल शूटर फिरदोस को मार गिराने वाले दो अफसरों को भी गैलेंट्री अवार्ड मिलेगा। एसएसपी एसटीएफ रहे एसके भगत और विजय भूषण ने शूटर फिरदोस को मुंबई में मार गिराया था। भाजपा विधायक कृष्णानंद राय हत्याकांड में शामिल आरोपियों में सिर्फ फिरदौस ही मारा जा सका था।