लखनऊ, विधानसभा चुनावों की घोषणा होते ही अफसरों ने नौकरी को नमस्कार कर चुनाव लड़ने का मन बना लिया है। ये सभी अफसर महत्वपूर्ण पदों पर कार्य कर रहें हैं और अब यूपी से विधानसभा चुनाव लड़ सकतें हैं।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) लखनऊ जोन के डायरेक्टर पीपीएस अधिकारी राजेश्वर सिंह ने वीआरएस मांगा था। जिनकी अर्जी स्वीकार हो गई है।सूत्रों के अनुसार, वह भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो कर विधानसभा का चुनाव लडऩे जा रहें हैं। वहीं कानपुर के पुलिस कमिश्नर असीम अरुण ने वीआरएस के लिए आवेदन किया है। उन्होंने जारी किए गए बयान में कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उन्हें भाजपा में शामिल होने का प्रस्ताव दिया है।
राजेश्वर सिंह लखनऊ में सीओ के पद पर तैनाती के दौरान एनकाउंटर स्पेशलिस्ट रहे। वर्ष 2009 में केन्द्रीय प्रतिनियुक्ति पर इन्होंने प्रवर्तन निदेशालय को ज्वाईन किया और कई महत्वपूर्ण मामलों की जांच में शामिल रहने के साथ ही जांच की जिम्मेदारी भी संभाली। राजेश्वर सिंह मूलत: सुल्तानपुर के रहने वाले हैं। राजेश्वर सिंह के पास माइनिंग की इंजीनियरिंग और ह्यूमन राइट्स की डिग्री है।सुल्तानपुर जिले के पखरौली निवासी राजेश्वर सिंह के पिता स्वर्गीय रणबहादुर सिंह भी पुलिस उप महानिरीक्षक रहे हैं। राजेश्वर सिंह की आइपीएस अधिकारी पत्नी लक्ष्मी सिंह लखनऊ में आईजी रेंज पद पर तैनात हैं। भाई रामेश्वर सिंह इनकम टैक्स कमिश्नर हैं तो दो बहनों में एक मीनाक्षी सिंह इनकम टैक्स कमिश्नर हैं। इनके पति आइपीएस अफसर राजीव कृष्णा इन दिनों आगरा में एडीजी जोन हैं। बड़ी बहन आभा सिंह इंडियन पोस्टल सर्विस से सेवानिवृत होने के बाद मुंबई हाईकोर्ट में प्रैक्टिस कर रही हैं। इनके पति वाइपी सिंह ने भी आइपीएस की सेवा ने वीआरएस लिया था।
वहीं, पुलिस कमिश्नर असीम अरुण ने वीआरएस (एच्छिक सेवा निवृत्ति) के लिए आवेदन किया है। उन्होंने कहा है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उन्हें भाजपा में शामिल होने का प्रस्ताव दिया है। इसके बाद से उनके विधानसभा चुनाव लड़ने के कयास लगाए जा रहे हैं।असीम अरुण ने कहा कि मैंने एच्छिक सेवा निवृत्ति के लिए आवेदन किया है क्योंकि अब राष्ट्र और समाज की सेवा एक नए रूप में करना चाहता हूं। मैं बहुत गौरवांवित अनुभव कर रहा हूं कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मुझे भाजपा की सदस्यता के योग्य समझा। उन्होंने कहा कि मैं प्रयास करूंगा कि पुलिस बलों के संगठन के अनुभव और सिस्टम विकसित करने के कौशल से पार्टी को अपनी सेवाएं दूं और पार्टी में विविध अनुभव के व्यक्तियों को शामिल करने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल को सार्थक बनाऊं।
मैं प्रयास करूंगा कि महात्मा गांधी द्वारा दिए गए तिलस्म कि सबसे कमजोर और गरीब व्यक्ति के हितार्थ हमेशा कार्य करूं, आईपीएस की नौकरी और अब यह सम्मान, सब बाबा साहेब अंबेडकर द्वारा अवसर की समानता के लिए रचित व्यवस्था के कारण ही संभव है। मैं उनके उच्च आदर्शों का अनुसरण करते हुए अनुसूचित जाति और जनजाति एवं सभी वर्गों के भाइयों और बहनों के सम्मान, सुरक्षा और उत्थान के लिए कार्य करूंगा। मैं समझता हूं कि यह सम्मान मुझे मेरे पिता स्वर्गीय श्रीराम अरुण एवं माता स्वर्गीय शशि अरुण के पुण्य कर्मों के प्रताप के कारण ही मिल रहा है।
अंत में, उन्होंने कहा कि मुझे केवल एक ही कष्ट है कि अपनी अलमारी के सबसे सुंदर वस्त्र, अपनी वर्दी को अब नहीं पहन सकूंगा। मैं साथियों से विदा लेते हुए वचन देता हूं कि वर्दी के सम्मान के लिए हमेशा सबसे आगे मैं खड़ा रहूंगा। आपको मेरी ओर से एक जोरदार सैल्यूट…